देहरादूनःशीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंग प्लांट संचालन के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया की रेस में अब दो ही कंपनियां बची हैं. जब देहरादून नगर निगम ने टेंडर खोला था तो तीन कंपनियां दौड़ में शामिल थी. जिसमें तीनों कंपनियों के दस्तावेजों को चेक किया गया. इनमें एक कंपनी बाहर हो गई और अब दो कंपनी ही दौड़ में हैं. अब दोनों कंपनियों का भौतिक निरीक्षण किया जाएगा. साथ ही फाइनेंशियल बिड देखी जाएगी. जो कम बिड में नगर निगम का काम करने की क्षमता रखेगी, उसे टेंडर दिया जाएगा. अगले एक हफ्ते में कंपनी को फाइनल कर दिया जाएगा.
बता दें कि साल 2018 से चेन्नई की रैमकी कंपनी शीशमबाड़ा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंग प्लांट (Solid Waste Management Plant) का संचालन कर रही थी. प्लांट में कूड़े का उचित निस्तारण न करने के चलते कूड़े के ढेर को लेकर कंपनी और नगर निगम के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था. इस बीच कंपनी ने नगर निगम पर समय से भुगतान न करने और खराब कार्यप्रणाली का आरोप लगाया. साथ ही कंपनी ने एक अगस्त को निगम को नोटिस देकर एक सितंबर से काम बंद करने की चेतावनी दी थी.
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की टेंडर रेस में बची दो कंपनियां. इसके बाद कई बार कंपनी के प्रतिनिधियों और नगर निगम के बीच वार्ता हुई, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई. जिसके बाद देहरादून नगर निगम ने कंपनी से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (Solid Waste Management Plant Shisham Bara) का काम बंद करवाने का मन बना लिया और प्लांट संचालन के लिए अगस्त महीने में टेंडर आमंत्रित कर दिए. जिसके लिए सोमवार को टेंडर डाला गया. बता दें कि इस टेंडर में 12 कंपनियों ने टेंडर डाले थे. जिसमें तीन कंपनियों के नाम सामने आए.
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देहरादून नगर आयुक्त मनुज गोयल (Dehradun Municipal Commissioner Manuj Goyal) ने बताया कि शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंग प्लांट यानी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण संयंत्र (Solid Waste Management And Recycling Plant) के संचालन के लिए टेंडर खोले गए. जिसमें तीन कंपनी एक्सेल (Excel), आकांक्षा (Akanksha) और पीपुल अस्सी फोर हेल्थ एंड यूथ (People Assi for Healthy & Youth) का नाम आया था.
अब उनके दस्तावेज चेक किए गए. तीन कंपनियों में से एक्सेल (Excel) और आकांक्षा (Akanksha) के दस्तावेज सही पाए गए. अब इन दोनों कंपनियों का भौतिक निरीक्षण किया जाएगा. उसके बाद दोनों कंपनी की फाइनेंशियल बिड (Financial Bid) देखी जाएगी. जो कम फाइनेंशियल बिड में नगर निगम का सही तरीके से काम करेगी, उसको ही काम दिया जाएगा.
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