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ABD के जरिए बदलेगी तुंगनाथ की तस्वीर, पर्यटन सचिव ने किया निरीक्षण

तुंगनाथ शिव भक्तों और साहसिक ट्रैकर्स का एक प्रिय स्थान है. एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से किए जा रहे निर्माण कार्यों का उद्देश्य पर्यटकों को अधिकतम सुविधाएं पहुंचाना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग यहा आ सकें और स्थानीय रोजगार में इजाफा हो सके.

Tungnath
पर्यटन सचिव ने किया निरीक्षण

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Published : Oct 18, 2020, 10:25 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने रविवार को तुंगनाथ में एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से करवाए जा रहे यात्री सुविधाओं और स्थापना कार्यों का निरीक्षण किया. साथ ही तुंगनाथ यात्रा को संचालित करने में देवस्थानम बोर्ड को सक्रिय भूमिका की भी बात कही. यही नहीं ट्रैकिंग रूट पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जरूरी इंतजाम किए जाएंगे और पर्यावरण विकास समिति का गठन भी किया जाएगा. इसके साथ ही चोपता को कैंपिंग डेस्टिनेशन के रूप मेंं विकसित किया जाएगा और इसके लिए जल्द ही जिलाधिकारी और डीएफओ से प्रस्ताव मांगे जाएंगे.

सचिव पर्यटन ने कहा कि तुंगनाथ भगवान शिव का सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित मंदिर है. यह काफी पुराना हो चुका है. इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से मंदिर का जीर्णोद्धार करवाए जाने का अनुरोध किया गया है. साथ ही मंदिर के निरीक्षण के दौरान अभियंताओं को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य के दौरान मंदिर परिसर को स्वच्छ और व्यवस्थित रखा जाए. इसके साथ ही निर्माण इस प्रकार किया जाए कि मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग के ढाल को कम किया जा सके और पर्यटकों को चढ़ने में कम से कम कठिनाई हो.

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तुंगनाथ शिव भक्तों और साहसिक ट्रैकर्स का एक प्रिय स्थान है. एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से किए जा रहे निर्माण कार्यों का उद्देश्य पर्यटकों को अधिकतम सुविधाएं पहुंचाना है. सचिव पर्यटन ने कहा कि वन विभाग से अनुमति प्राप्त होते ही गढ़वाल मंडल विकास निगम के पुराने बंगले का नवीनीकरण किया जाएगा. जिला पर्यटन विकास अधिकारी को स्थानीय नागरिकों को पर्यटन विभाग की होमस्टे योजना के संबंध में जानकारी देने के लिए कैंप लगाने के निर्देश भी दिए. ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार हेतु अपने आवासों को होमस्टे के रूप में विकसित करने के लिए प्रेरित किया जा सके.

यही नहीं पर्यटन सचिव ने ट्रैकिंग ट्रैक्सन होम स्टे योजना के अंतर्गत क्लस्टर केंद्रों के लिए चयनित स्थानों और ट्रैक्स का भी निरीक्षण किया. सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा महत्वपूर्ण और लोकप्रिय ट्रैक रूट्स के निकट स्थित गांवों को ट्रैकिंग क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत पुराने मकानों में नए कमरे बनाने के लिए प्रति कमरा 60 हजार रुपए और पुराने कक्षों में शौचालय आदि की व्यवस्था हेतु 25 हज़ार प्रति कमरे की सहायता राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी.

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