देहरादून: आज देहरादून के परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने चुनावी संबोधन की शुरुआत गढ़वाली में करते हुए उत्तराखंड से जुड़ाव को दिखाने की कोशिश की. पीएम मोदी ने अपने संबोधन के शुरुआती एक मिनट 3 सेकंड तक गढ़वाली में बात की. इस दौरान जनता में भी खासा उत्साह देखने को मिला. आखिर पीएम मोदी ने गढ़वाली भाषा में संबोधन की शुरुआत क्यों की इस राज से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पर्दा उठाया.
पीएम मोदी के गढ़वाली में संबोधन पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा व्यक्ति अगर गढ़वाली में भाषण देता है, अभिवादन स्वीकार करता है तो इससे साफ जाहिर होता है कि वे उत्तराखंड की बोली, भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस वक्त विश्व में हर मिनट में एक भाषा समाप्त हो रही है. ऐसे में गढ़वाली में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन बेहद प्रभावी है.
झिझकने वाले भी आगे आएंगे:त्रिवेंद्र ने कहा किइस भाषण के बाद जो तबका गढ़वाली भाषा बोलने में झिझकता है, वो इसे लेकर आगे आएगा. पीएम मोदी नौजवानों के आइकन हैं. उन्हें सुनकर भी युवा गढ़वाली की अहमियत समझ सकेंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के इस भाषण के बाद लोग बड़ी संख्या में अपनी बोली-भाषा से जुड़ेंगे. उन्होंने कहा पीएम मोदी का यह भाषण मील का पत्थर साबित होगा.