देहरादूनः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की गई. जिसमें सीएम त्रिवेंद्र ने वोकल से लोकल के अंतर्गत स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने के लिए सीएससी और ग्रोथ सेंटरों के बीच समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण विकास और कृषि प्रोत्साहन के लिए भी उपयोगी साबित हो सकते हैं. वहीं, अब पंचायती राज विभाग के पोर्टल से सभी विभागों की जानकारी मिलेगी.
बैठक में पंचायती राज विभाग की ओर से डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, ई-गवर्नेंस में हेल्प डेस्क प्रणाली और आईटीडीए के माध्यम से 662 न्याय पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर को शुरू किए जाने की योजना पर समीक्षा की गई. साथ ही कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान संचालित की गई योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने को लेकर पंचायती राज विभाग की एक पोर्टल बनाने पर चर्चा भी किया गया. जिसमें सभी विभागों की जानकारियां उपलब्ध होंगी.
जानकारी देते पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय.
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हेल्प डेस्क प्रणाली के तहत केंद्रीय मध्यस्थ सहायता सेवा प्रणाली विकसित किया जाना प्रस्तावित है. जिसके तहत एक केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली तैयार की जाएगी. जो विभागीय अधिकारियों और स्थानीय ग्रामीण निकायों को सहायता एवं सेवा प्रदान करेगी. हेल्प डेस्क प्रणाली के मुख्य कार्यों में त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रतिनिधियों और जनसामान्यों के लिए हेल्प डेस्क सेवा व रेखीय विभागों के साथ समन्वय हेतु तंत्र का विकास शामिल हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 'लोकल फोर वोकल' के अंतर्गत स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर बेहतर साबित होंगे. राज्य सरकार की ग्रामीण ग्रोथ सेंटर की संकल्पना को साकार करने में भी कॉमन सर्विस सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से चलाए जा रहे ऑनलाइन शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए भी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से मंच उपलब्ध कराया जाएगा.