देहरादून:ऑल वेदर रोड की चौड़ाई घटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार इस मामले पर केंद्र से बात कर सकती है. उत्तराखंड के लिए न केवल चार धामों को जोड़ने के रूप में, बल्कि सामरिक लिहाज से भी इस मार्ग का बेहद ज्यादा महत्व है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार पशोपेश में पड़ गई है.
ऑल वेदर रोड चारधामों तक पहुंचने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के रूप में देखी जाती है, लेकिन हकीकत में देखा जाए तो प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तक पहुंचने के लिए भी इस प्रोजेक्ट का बेहद महत्व है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट में मार्ग की चौड़ाई कम करने के आदेश दिए हैं.
ये भी पढ़ें:ऑल वेदर सड़क पर 'सुप्रीम' फैसले पर लोगों में नाराजगी, सरकार से पुनर्विचार याचिका की मांग
इस आदेश के बाद यह मार्ग 7 मीटर चौड़ा ना रहकर मात्र साढ़े पांच मीटर तक ही सीमित रहेगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सड़क की चौड़ाई कम करने के आदेश के बाद राज्य सरकार भी पशोपेश में है. दरअसल इस मार्ग में ना केवल सभी मौसम के दौरान तीर्थ यात्रियों को बेहतर मार्ग उपलब्ध होगा, बल्कि इस मार्ग के जरिए भारत-चीन सीमा तक भी सेना की आसानी से आवाजाही और सैन्य सामानों की आसानी से पहुंच होगी.
राज्य सरकार मानती है कि चौड़ाई कम होने से सामरिक लिहाज से भी नुकसान होगा. वैसे तो सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को देखते हुए यह आदेश दिया है, लेकिन राज्य सरकार इस मार्ग को मौजूदा भारत-चीन के हालातों और भविष्य की जरूरतों के लिए ज्यादा जरूरी मान रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी केंद्र से इसके मद्देनजर बात कर सकते हैं. माना यह जा रहा है कि इस मार्ग को बनाए जाने का एक मकसद सीमा क्षेत्रों को भी जोड़ना है.