देहरादून:18 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने को है. सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने राजधानी देहरादून की सबसे बड़ी समस्या अस्तित्व खोती रिस्पना नदी को लेकर एक बड़ी पहल शुरू की थी.
सीएम त्रिवेंद्र ने रिस्पना नदी के जीर्णोद्धार के लिए 'रिस्पना से ऋषिपर्णा की ओर' मुहिम शुरू की थी. इस मुहिम के जरिए दावा किया गया था कि एक साल के भीतर रिस्पना नदी का पानी आचमन हेतु शुद्ध हो जाएगा. सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर रिस्पना के हालातों पर ETV BHARAT ने सत्ता और विपक्ष के साथ रिस्पना नदी को शुद्ध करने जुटे लोगों से चर्चा की.
त्रिवेंद्र सरकार में राज्य मंत्री वीरेंद्र बिष्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने रिस्पना नदी के जीर्णोद्धार के लिए एक विशेष पहल शुरू की और बड़े स्तर पर कदम उठाया. मुख्यमंत्री की पहल पर पहली बार रिस्पना नदी में पानी लाने के लिए 10 हजार लोगों ने दो लाख से ज्यादा पेड़ एक दिन में लगाए. इसके अलावा रिस्पना और बिंदाल नदी के साथ-साथ प्रदेश की कोसी जैसी कई ऐसी नदियां जो कि अपना अस्तित्व खोतीं जा रही उनके लिए विशेष बजट भी पास किया गया.
त्रिवेंद्र सरकार पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने राज्य सरकार के सभी दावों को खोखला बचाया. गरिमा दसौनी के मुताबिक सरकार के दावे आज धरातल पर देखे जाएं तो केवल रिस्पना का गंदा पानी ही देखने को मिलेगा. नदियों की सफाई पर सरकार के दावे हवा-हवाई है. जबकि धरातल पर रिस्पना नदी के नाम पर केवल एक गंदा नाला नजर आता है.