परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने ली सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक. देहरादूनः उत्तराखंड में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. उत्तराखंड में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सड़क सुरक्षा सलाहकार परिषद का गठन किया गया है. इसी कड़ी में सचिवालय में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष चंदन रामदास की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई. बैठक में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों के साथ ही तमाम कार्यों का रोड मैप तय किया गया. बैठक में खासकर जाम का मुद्दा अहम रहा है. जिसके समाधान पर वार्ता हुई.
बता दें कि राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की पिछली बैठक 24 मई 2022 को हुई थी. राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के मुताबिक, साल 2022 में 1674 सड़क दुर्घटनाएं हुई थी. जिसमें 1042 लोगों की जान गई तो 1613 लोग जख्मी भी हुए. ऐसे में उत्तराखंड को सड़क दुर्घटना मुक्त बनाए जाने की ओर सड़क सुरक्षा परिषद में अहम निर्णय लिए गए हैं. जिसमें मुख्य रूप से प्रदेश की सभी सड़कों को न सिर्फ गड्ढा मुक्त किया जाएगा, बल्कि ब्लैक स्पॉट, दुर्घटना संभावित स्थल, रोड मार्किंग, साइनेज, क्रैश बैरियर, रोड सेफ्टी ऑडिट के साथ ही स्पीड कंट्रोलिंग आदि को लेकर कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया है.
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वहीं, परिवहन मंत्री एवं राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष चंदन रामदास ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. चारधाम यात्रा के मद्देनजर सभी सड़कों को दुरुस्त करने के साथ ही चिन्हित ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में दुर्घटनाओं को रोकने संबंधी व्यवस्थाएं मुकम्मल कर लें. उन्होंने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा में कोई भी व्यवधान उत्पन्न न हो.
परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने बताया कि अप्रैल महीने में शुरू हो रही चारधाम यात्रा के मद्देनजर और परिषद के इस साल के काम की समीक्षा को लेकर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की गई है. बैठक में ब्लैक स्पॉट का चिन्हीकरण, सड़कों में डिवाइडर लगाने के साथ ही चारधाम के सभी रूटों को गड्ढा मुक्त किए जाने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा सड़कों से संबंधित सभी कार्यदायी संस्थाओं को उनकी सड़कों को चारधाम यात्रा से पहले व्यवस्थित करने के निर्देश दिए गए हैं. लिहाजा, इस बार उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा ऐतिहासिक होगी.
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वहीं, चंदन रामदास ने बताया कि जाम भी एक गंभीर समस्या है. क्योंकि, चारधाम यात्रा के दौरान जाम की स्थिति बनती है. जिससे काफी दिक्कतें बढ़ जाती हैं. लिहाजा, इसे देखते हुए गढ़वाल और कुमाऊं के आईजी समेत पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि जाम को जिलेवार नियंत्रित किया जाए. जिस संबंध में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद रोडमैप तैयार कर रहा है. चारधाम की यात्रा शुरू होने से पहले इसको धरातल पर उतार दिया जाएगा. ताकि यात्रा के दौरान जाम की स्थिति पैदा न हो. अगर जाम लगता भी है तो तत्काल जाम की स्थिति को समाप्त कर दिया जाए.