देहरादूनः राजधानी देहरादून में स्कूल खुलते ही परिवहन विभाग एक्टिव मोड़ पर आ गया है. परिवहन विभाग ने नियम के विपरित चलने वाली स्कूल बसों के खिलाफ तीन दिवसीय अभियान शुरू किया है. आरटीओ प्रवर्तन के निर्देशन में यह अभियान देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर और रुड़की में चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत टीम द्वारा दो दिन में 800 से अधिक वाहनों को चेक किया और नियमों को उल्लंघन करने पर 230 वाहनों का चालान किया गया है. साथ कोई दस्तावेज नहीं दिखाने पर 40 वाहनों को सीज भी किया गया है.
ये हैं CBSE बोर्ड के मानकः आरटीओ प्रवर्तन सुनील शर्मा ने बताया कि सीबीएसई बोर्ड के मानक के अनुसार बसों का रंग पीला होना चाहिए. गाड़ियों पर स्कूल का नाम अंकित होने के साथ ही संबंधित स्कूल का नंबर भी होना चाहिए. गाड़ियों में अग्निशमन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए. दुर्घटना होने की स्थिति में बच्चों को तत्काल इलाज मुहैया कराने को लेकर फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था होनी चाहिए. बच्चे आसानी से चढ़ और उतर सके इसके लिए गाड़ियां लो फ्लोर होनी चाहिए.
खिड़कियों पर सुरक्षा जाली होनी चाहिए, ताकि बच्चे खिड़की से सिर बाहर ना निकाल सके. बस में बच्चों के बैग रखने के लिए जगह होनी चाहिए. स्कूल बस और वैन चालक ड्रेस में होना चाहिए. ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन के दस्तावेज होने चाहिए. बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही जीपीएस लगाना अनिवार्य है. स्कूल बस और वैन की अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. स्कूल बसों के दरवाजों पर ताला लगाना अनिवार्य होगा और स्कूल बस सहित वैन किसी भी हालत में दूसरी गाड़ी को ओवरटेक नहीं करेंगे.
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