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स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन पर ANM कर्मियों ने किया धरना स्थगित, एक हफ्ते का दिया अल्टीमेटम - बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम

उत्तराखंड बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम संघ ने स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के आश्वासन के बाद एक हफ्ते के लिए धरना स्थगित कर दिया है. साथ ही आश्वासन पूरा नहीं होने पर फिर से आंदोलन की राह पकड़ने की चेतावनी दी है.

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Published : Jul 21, 2021, 8:19 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड बेरोजगार प्रशिक्षित ANM संघ ने आखिरकार स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के आश्वासन पर अपना धरना स्थगित कर दिया है. संघ ज्येष्ठता के आधार पर नियुक्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहा था. विभाग में भी संघ की बातचीत होती रही, लेकिन मामले पर कोई समाधान नहीं निकल पाया था. अब स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद संघ ने धरने को एक हफ्ते के लिए स्थगित किया है.

बता दें कि उत्तराखंड बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम संघ ने कुछ दिन पहले अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास कूच भी किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया था. संघ की प्रांतीय अध्यक्ष मधु जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से प्रतिनिधिमंडल की बुधवार सुबह वार्ता हुई. मंत्री ने मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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मधु जोशी ने कहा कि संगठन ने एक हफ्ते के लिए धरना स्थगित करने का फैसला लिया है. इसके बावजूद भी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि साल 2009 तक प्रशिक्षित एएनएम को नियमित नियुक्ति मिलती रही है, लेकिन साल 2011 में नियमित नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति के समय से विभाग के त्रुटिपूर्ण नियमों और निर्णयों के अधीन नियुक्तियों से सामान्य वर्ग की अधिकांश प्रशिक्षित वंचित होती आ रही हैं.

उन्होंने कहा कि साल 2009 के बाद से वे नियुक्ति की आस लिए हैं, जबकि अन्य वर्ग की विज्ञान विषय से उत्तीर्ण साल 2016 तक की एएनएम नियुक्ति पा चुकी हैं. शासन ने साल 2016 में एक विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें 440 पदों में सामान्य वर्ग के लिए केवल 53 पदों को विज्ञापित किया गया. जबकि बाकी पद बैकलॉग के लिए खोले गए.

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विभाग के गलत नियमों के कारण 53 पदों में भी सामान्य वर्ग के 20 पद ही भरे गए, जबकि 33 पद रिक्त रखे गए. सामान्य वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए वर्तमान सरकार ने 8 मार्च 2018 को 380 पदों की विज्ञप्ति जारी की, लेकिन मामला कोर्ट पहुंच गया और विज्ञप्ति त्रुटिपूर्ण व नियमानुसार न होने के कारण निरस्त करनी पड़ी.

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