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ट्रैफिक नियंत्रित करना दून पुलिस के लिए बना चुनौती, अतिरिक्त फोर्स की दरकार

देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पुलिस महकमे के पास महज डेढ़ सौ यातायात पुलिस कर्मी मौजूद हैं. इन यातायात पुलिस कर्मियों की मदद से शहर के ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा रहा है. जिसमें 40 सीपीयू के जवान भी शामिल हैं, लेकिन शहर में दिनों दिन बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए करीब 350 यातायात पुलिस कर्मियों की दरकार है.

traffic jam

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Published : Sep 1, 2019, 8:05 PM IST

देहरादूनःराजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है. शहर में जगह-जगह जाम लगना आम हो गया है. आलम ये है कि दिनभर सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती है. जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, शहर में दिनोंदिन बढ़ती वाहनों की संख्या पुलिस महकमे के लिए सिरदर्द बन चुका है. वर्तमान में पुलिस महकमे के आगे सबसे बड़ी चुनौती शहर में बढ़ते ट्रैफिक को नियंत्रित करना है, लेकिन इसके लिए पुलिस महकमे के पास पर्याप्त यातायात पुलिस कर्मी नहीं हैं.

देहरादून शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या.

देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पुलिस महकमे के पास महज डेढ़ सौ यातायात पुलिस कर्मी मौजूद हैं. एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में डेढ़ सौ यातायात पुलिस कर्मियों की मदद से शहर के ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा रहा है. जिसमें 40 सीपीयू के जवान भी शामिल हैं, लेकिन शहर में दिनों दिन बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए करीब 350 यातायात पुलिस कर्मियों की दरकार है. इसके लिए मुख्यालय को पत्र लिखा जा चुका है.

देहरादून ट्रैफिक जाम.

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बता दें कि, देहरादून जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी लगातार शहर को जाम मुक्त बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. इसके के लिए अब उन्होंने पुलिस ऑफिस के कर्मचारियों को वीकेंड पर ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए सड़कों पर उतरने का फरमान जारी भी दिया है. ऐसे में अब शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस ऑफिस के 181 कर्मचारी भी सड़कों पर उतरेंगे. जिसमें 22 उप निरीक्षक, 21 हेड कांस्टेबल, 98 कांस्टेबल और 40 महिला कांस्टेबल शामिल हैं.

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