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जौनसार बावर में आज भी होती है जैविक उत्पादों की परंपरागत खेती, दिल्ली महाराष्ट्र से आती है डिमांड - कालसी में जैविक उत्पाद विक्रय केंद्र

जौनसार बावर में आज भी जैविक उत्पादों की परंपरागत खेती (Traditional farming of organic products) की जाती है. यहां के दालों व आचार की डिमांड दिल्ली महाराष्ट्र से आती है. जैविक उत्पादों के जरिए यहां की स्थानीय महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है.

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Published : Dec 23, 2022, 1:56 PM IST

Updated : Dec 23, 2022, 2:28 PM IST

जैविक उत्पादों की परंपरागत खेती

विकासनगर:कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जैविक उत्पाद विक्रय केंद्र में उदपाल्टा गांव निवासी गोपाल द्वारा विभिन्न प्रकार के जैविक उत्पाद उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिसकी डिमांड स्थानीय स्तर से देश के कई राज्य से आ रही है. इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.

जौनसार बावर में सदियों से जैविक उत्पादन (Organic Farming in Jaunsar Bawar) होता आया है. जौनसार बावर में मंडुआ, मकई, दलहन, बुरांश, आंवला, मौन पालन परंपरागत खेती के तौर पर होती है. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के अचार, सिलबट्टे के नमक की भी खास डिमांड रहती है. चकराता घूमने आने वाले पर्यटक जौनसार बावर के जैविक उत्पाद की खरीदारी जरूर करते हैं.
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वहीं, जैविक उत्पादन के कारण क्षेत्र की महिला समूह को भी रोजगार उपलब्ध हो रहा है. जैविक उत्पाद विक्रय केंद्र संचालित करने वाले गोपाल का कहना है कि किसानों द्वारा जैविक खेती से उत्पादित विभिन्न प्रकार की दालें व मोटा अनाज की डिमांड दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ आदि स्थानों पर बढ़ी है. दिल्ली से चकराता पहुंची ज्योति गुप्ता कहती हैं कि शहरों में जैविक उत्पाद काफी मुश्किल से मिलते हैं. इसलिए अक्सर यहां से दालें व आचार मंगवाते हैं.

Last Updated : Dec 23, 2022, 2:28 PM IST

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