देहरादून: हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी उत्तराखंड पहुंचते हैं और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का नजदीकी से दीदार करते हैं. वहीं उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क (Ramnagar Corbett National Park) पहुंचने वाले वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह साल काफी अच्छा रहा है. वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) की मानें तो कॉर्बेट आने वाले पर्यटकों को इस बार बेहद ज्यादा संख्या में बाघों के दीदार हुए हैं, वन विभाग इस खबर को लेकर बेहद ज्यादा उत्साहित हैं, क्योंकि वन्यजीव प्रेमियों को बाघों का बड़ी संख्या में दीदार होना बाघों की बढ़ती संख्या के रूप में देखा जा रहा है.
वन्यजीवों के बीच बेहद खास पल:नैनीताल जिले के रामनगर स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क को वन्यजीव प्रेमियों के लिए बेहद खास माना जाता है. यहां वन्यजीव प्रेमी ना केवल इको टूरिज्म का आनंद लेते हैं, बल्कि वन्यजीवों के बीच बेहद खास पल बिताते हैं. यूं तो कॉर्बेट नेशनल पार्क में हाथी, सांभर, चीतल, हिरण, भालू, नीलगाय और घुरल समेत कई वन्यजीव मौजूद हैं. लेकिन वन्यजीव प्रेमियों को सबसे ज्यादा इंतजार उस पल का होता है जब पार्क में वह किसी बाघ का दीदार कर सकें. पार्क में इको टूरिज्म के रूप में झील, पहाड़ी क्षेत्र, नदी क्षेत्र के अलावा घास के मैदान भी मौजूद हैं. मन मोहने वाली 580 पक्षियों की प्रजातियां भी यहां मौजूद हैं और 488 प्रकार की प्रजातियों के पौधे भी यहां मौजूद हैं. इस सब के बावजूद सबकी निगाहें बाघों को ही ढूंढती नजर आती हैं.
कॉर्बेट में अधिकतर सैलानियों को हुआ बाघों का दीदार. पढ़ें- कैमरे में कैद हुआ 'हत्यारा' बाघ, बाइक वालों को घसीटकर मारता है बाघों की संख्या में इजाफा: उत्तराखंड में 442 बाघ हैं लेकिन इनमें से करीब 250 बाघ अकेले कॉर्बेट नेशनल पार्क मौजूद हैं. इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद लोगों को कई बार बाघ के दीदार नहीं हो पाते, लेकिन यह साल कार्बेट आने वाले पर्यटकों के लिए बेहद खास रहा क्योंकि इस बार पर्यटकों को कॉर्बेट में करीब 90% तक बाघों के दीदार हुए हैं. बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब ढाई लाख पर्यटक कॉर्बेट में पहुंचे जिससे करोड़ों की आमदनी पार्क प्रशासन को हुई. इतनी बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों को इस बार खास तौर पर ढिकाला जोन में आसानी से बाघ के दर्शन हुए. प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल कहते हैं कि यह खबर वन विभाग के लिए भी बेहद सुखद है और इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कॉर्बेट में अब बाघों की संख्या पहले के मुकाबले और भी ज्यादा बढ़ गई है.
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कॉर्बेट पार्क में बाघों का संरक्षण: उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना 1936 में हुई थी, इस संरक्षित क्षेत्र को बाघों के संरक्षण के लिए तैयार किया गया था. कॉर्बेट नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 1288.35 वर्ग किलोमीटर है, इतने बड़े क्षेत्रफल में बाघों की संख्या भी बेहद ज्यादा होने के कारण घनत्व के लिहाज से दुनिया के सबसे ज्यादा बाघ इसी क्षेत्र में पाए जाते हैं. इसके बावजूद भी पर्यटकों के लिए बाघ को देख पाना काफी मुश्किल होता है, लेकिन इस बार वन विभाग के दावे पर्यटकों के साथ-साथ बाघों की संख्या के लिहाज से भी खुशनुमा दिख रहे हैं.