मसूरी: पहाड़ों की रानी में एक लंबी पीली लाल लाइन यानी विंटर लाइन देखने के लिए देश विदेश के सैलानियों का तांता लगा हुआ है. मसूरी में इन दिनों ऑफ सीजन है, लेकिन प्राकृतिक सौंदर्य विंटर लाइन के दीदार करने के लिए पर्यटक मसूरी की ओर रुख कर रहे हैं. पहाड़ों की रानी मसूरी प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है.
बता दें कि दुनिया में विंटर लाइन का नजारा दुनिया में दो ही जगह स्विजरलैंड और मसूरी में देखा जा सकता है. अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह से लेकर नवंबर आखिरी तक मसूरी माल रोड पर नजारा दिखाई देता है. स्विट्जरलैंड और मसूरी की विंटर लाइन दुनिया में मशहूर है. देहरादून जिला प्रशासन द्वारा मसूरी विंटर लाइन को प्रमोट करने के लिए मसूरी विंटर लाइन फेस्टिवल का आयोजन दिसंबर के अंतिम सप्ताह में किया जाता है. मसूरी को विंटर लाइन रोशनी की तर्ज पर ही सजाया जाता है. वहीं, जिला प्रशासन और सरकार ने विंटर लाइन कार्निवल का आयोजन मसूरी में विंटर लाइन के दृश्य को प्रमोट करना है.
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मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि ठंड के मौसम में वायुमंडल में नमी आ जाती है. मैदानी क्षेत्रों की धूल एक सीमित ऊंचाई के बाद रुक जाती है. इससे एक समांतर रेखा विंटर लाइन के तौर पर उभर जाती है. ऐसे में सूरज की किरणें जब इन कणों पर पड़ती है तो इस पर पीली और लाल रंग की रोशनी उभर जाती है.
मसूरी से देहरादून शहर के आसमान एक लंबी पीली लाल लाइन यानी विंटर लाइन को देख देश-विदेश से आए सैलानी अभिभूत हो जाते हैं. मसूरी में इन दिनों आफ सीजन है, लेकिन प्राकृतिक सौदंर्य विंटर लाइन के दीदार करने के लिये मसूरी की ओर रुख कर रहे हैं.
मसूरी से दून घाटी के ऊपर शाम के वक्त सीधी पीली लाल रेखा दिखाई देती है, जो अपने आप में काफी खूबसूरत है. जिसको देखने के लिए देश-विदेश से लोग परेशान पहुंचते हैं. साथ ही सैलानी इस दृश्य को कैमरे में केैद करना नहीं भूलते हैं. यह रेखा धूल के कणों से बनती है, जो शाम के समय धूल के अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है. धूल के कण जितने अधिक होते हैं, विंटर लाइन भी उतनी ही अधिक गहरी बनती है. यह रेखा अक्टूबर माह से दिसंबर तक मसूरी से दून घाटी की ओर दिखाई देती है. वहीं शाम के वक्त विंटर लाइन को कैद करने के लिए सैलानी काफी उत्सुक दिखाई देते हैं.