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यमुनोत्री दर्शन के बाद यहां घूमना नहीं भूलें, जिंदगी भर याद रहेंगे ये पर्यटक स्थल - धार्मिक पर्यटन

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है. चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं. आज हम आपको बताते हैं कि अगर आप चारधाम के दर्शन के लिए आ रहे हैं तो मंदिर दर्शन के साथ-साथ आप कौन से पर्यटन स्थल देख सकते हैं.

Tourist places in Uttarkashi
यमुनोत्री दर्शन

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Published : Apr 15, 2023, 2:29 PM IST

Updated : Apr 15, 2023, 5:15 PM IST

देहरादून: इस बार अगर आप चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड आ रहे हैं तो यहां के कई दर्शनीय स्थल भी आपका इंतजार कर रहे हैं. धार्मिक पर्यटन के साथ आप प्राकृतिक नजारों को देखेंगे तो आपकी यात्रा का आनंद कई गुना बढ़ जाएगा. दरअसल प्रकृति ने उत्तराखंड को इतना खूबसूरत बनाया है कि प्रकृति प्रेमी यहां के पहाड़, घाटी, नदियां और जंगलों को बस निहारते रह जाते हैं.

यमुनोत्री से शुरू होती है चारधाम यात्रा: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अमूमन यमुनोत्री धाम से शुरू होती है. इसके बाद गंगोत्री धाम के दर्शन करने की परंपरा है. गंगोत्री धाम के दर्शन के बाद तीर्थयात्रियों को अगले दर्शन भगवान केदारनाथ के करने होते हैं. केदार बाबा के दर्शन के बाद बदरी विशाल के दर्शन के लिए बदरीनाथ पहुंचा जाता है. तो सबसे पहले बात करते हैं यमुनोत्री धाम दर्शन के साथ उसके आसपास के पर्यटक स्थलों की.

उत्तरकाशी जिले में स्थित है यमुनोत्री धाम: यमुनोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है. यमुनोत्री उत्तराखंड के चारधामों में से एक है. यमुनोत्री धाम का मंदिर मां यमुना को समर्पित है. 22 अप्रैल को यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं. आप यमुनोत्री के दर्शन करने आ रहे हैं तो इसके आसपास भी अनेक धार्मिक और पर्यटक स्थल हैं. यमुनोत्री दर्शन के बाद आप इन दर्शनीय स्थलों में घूम सकते हैं.

खरसाली की यात्रा: खरसाली यमुनोत्री धाम से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये एक छोटा सा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर गांव है. समुद्र तल से खरसाली गांव करीब 2675 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. खरसाली में सर्दियों में जोरदार बर्फबारी होती है. खरसाली में प्राकृतिक झरने हैं जो आकर्षण का केंद्र हैं. यमुनोत्री धाम में जब छह महीने का शीतकालीन अवकाश होता है तो मां यमुना की डोली खरसाली में लाई जाती है.

खरसाली का शनि मंदिर: खरसाली का शनि मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है. इसे भारत का सबसे पुराना शनि देव मंदिर माना जाता है. तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के दौरान भगवान शनि के दर्शन करके ही यमुनोत्री धाम जाते हैं. शनि मंदिर पत्थर, लकड़ियों से बना तीन मंजिला मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि ये शनि मंदिर पांडवों ने बनाया था. खरसाली के शनि मंदिर में कांस्य मूर्ति को चाया, सांग्या और नाग देवता के स्थापित किया गया है.

जमदग्नि ऋषि के आश्रम में दर्शन: बड़कोट तहसील में भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि का आश्रम है. यहां आज भी ऋषि जमदग्नि की पूजा-अर्चना की जाती है. थान गांव में स्थित ऋषि जमदग्नि आश्रम पहुंच कर आप पौराणिक युग का अनुभव कर सकते हैं. बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए आते रहते हैं. चारधाम यात्रा के दौरान यहां दर्शन करने का अलग ही महत्व है. थान गांव स्थित जमदग्नि ऋषि का आश्रम यमुनोत्री से 12 किलोमीटर दूर है.

अद्भुत कुंड के दर्शन: उत्तरकाशी के गंगनानी में एक अद्भुत कुंड है. गर्म पानी के इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि इसमें गंगा और यमुना का संगम है. दरअसल ऐसी मान्यता है कि जब गंगोत्री का पानी नीला या मटमैला दिखाई देता है तो गंगनानी के इस कुंड का पानी भी ठीक वैसा ही दिखाई देने लगता है. इसलिए कहा जाता है कि यहां पर गंगा और यमुना का संगम है. गंगनानी कुंड यमुनोत्री से करीब 12 किलोमीटर दूर है.
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तो आप चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं और यमुनोत्री दर्शन के लिए पहुंचे हैं तो वापसी की जल्दी मत कीजिएगा. आप यमुनोत्री धाम के आसपास बसे इन धार्मिक और पर्यटक स्थलों का पूरा आनंद उठाकर ही वापस लौटिएगा.

Last Updated : Apr 15, 2023, 5:15 PM IST

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