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बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को धरातल पर उतराने की तैयारी शुरू

भविष्य में श्रद्धालुओं की संख्या और जरुरतों को देखते हुए बदरीनाथ धाम का एक मास्टर प्लान बनाया गया है. जिसके बदरीनाथ धाम को विकसित किया जाएगा. इसको लेकर शुक्रवार को दिल्ली में उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने भारत सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की.

Tourism Secretary Dilip Javalkar
बैठक करते हुए अधिकारी.

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Published : Jan 29, 2021, 9:44 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित अशोका होटल में केंद्रीय सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने देश भर के शीर्षस्थ सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के प्रतिनिधियों के सम्मुख श्री बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान प्रस्तुत किया.

बैठक को लेकर सचिव जावलकर ने कहा कि प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. जिसके लिए देशभर के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन के रूप में विकसित करने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बैठक आयोजित की गई थी.

उन्होंने ऊर्जा, कोयला, पेट्रोलियम और जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एचपीसीएल, ओएनजीसी, एनटीपीसी, पीएफसी, टीएचडीसी, कोल इंडिया, ऑयल इंडिया लिमिटेड, एनएचपीसी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन व भारत पैट्रोलियम आदि पीएसयू के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि मास्टर प्लान के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों में पर्यावरणीय संतुलन और स्थानीय हित धारकों के निहितार्थ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.

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उन्होंने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम नर और नारायण पर्वत के बीच स्थित भारतवर्ष के प्रमुख चार धामों में से एक है. श्रद्धालुओं का परम प्रिय धार्मिक गंतव्य है. हर साल यहां लगभग 10 साल से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है. सीमित संसाधनों के साथ और भौगोलिक प्रतिबंधों के बीच श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या के कारण यह आवश्यक हो गया है कि इस पवित्र धाम को मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाए, ताकि यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ सकें.

श्री बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान के तहत वहां कई काम कराए जाए है. जिसमें मंदिर परिसर का विकास, प्लाजा विकास, रोड निर्माण, घाटों के निर्माण, कमांड कंट्रोल सेंटर, स्ट्रीट फसाड, रोड एलाइनमेंट और भीड़ प्रबंधन है. सचिव जावलकर ने बैठक में इन सब का प्रस्तुतीकरण किया.

बैठक में सचिव जावलकर ने कहा कि निर्माण कार्यों में अधिप्राप्ति नियमों और सीएसआर निर्देशों का पूरा पालन किया जाएगा. अधिकांश निर्माण कार्य सरकारी भूमि पर प्रस्तावित हैं. यदि निजी भूमि की आवश्यकता पड़ती है तो भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में स्थानीय निवासियों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा. इस संबंध में उनके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर

सचिव पर्यटन ने कहा कि केदारनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट ही श्री बदरीनाथ मास्टर प्लान योजना के लिए एक नोडल संस्था के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने इस विराट उद्देश्य की प्राप्ति हेतु भूदान और धन दान हेतु निजी व्यक्तियों से भी अपील की है.

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