देहरादून: जोशीमठ शहर में लगातार हो रहे भू-धंसाव की घटना न सिर्फ राज्य बल्कि केंद्र सरकार के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है. इसी बीच उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र पर भी इसका असर पड़ता दिखाई दे रहा है. दरअसल, उत्तराखंड राज्य में जब भी आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न होती है तो उस दौरान उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी देखी जाती है. हालांकि, वर्तमान समय में राज्य में पर्यटकों के आने का सिलसिला काफी अधिक रहता है लेकिन जोशीमठ आपदा के चलते पर्यटकों में डर का माहौल उत्पन्न हुआ है.
दरअसल, हर साल शीतकाल के दौरान लाखों की संख्या में पर्यटक उत्तराखंड की ओर रुख करते हैं, क्योंकि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का लुफ्त उठाने के साथ ही शीतकाल यात्रा के लिए भी पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं. लेकिन इस बार जोशीमठ में आई आपदा की वजह से पर्यटकों का रुख उत्तराखंड की ओर कम देखा जा रहा है. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी इस बात को मान रहे हैं.
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सतपाल महाराज मानते हैं कि जोशीमठ शहर में आई आपदा की वजह से पर्यटकों की संख्या में काफी कमी हुई है, क्योंकि लोग समझ नहीं पा रहे हैं जिसके चलते पर्यटक बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं. पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र सेस्मिक जोन में आते हैं, लिहाजा यहां पर हलचल होती रहती है. हालांकि जापान में भी भूकंप हमेशा आते रहते हैं बावजूद इसके वहां स्थितियां हमेशा समान रहती हैं. उनका सुझाव है कि ऐसे में उत्तराखंड में भी भूकंप रोधी कंस्ट्रक्शन करें साथ ही प्रभावित परिवारों के लिए फैब्रिकेटेड शेल्टर का निर्माण हो.