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उत्तराखंड आने की सोच रहे हैं तो इन ऑफ बीट पर्यटक स्थलों का रुख जरूर करें

उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने प्रदेश के कुछ ऑफबीट पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया है. अब अगर आप उत्तराखंड घूमने जाएं तो उससे पहले इन पर्यटन स्थलों के बारे में जान लें.

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Published : Jun 16, 2021, 1:30 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 4:00 PM IST

पर्यटन विभान ने किया ऑफबीट पर्यटन स्थलों को चिन्हित
पर्यटन विभान ने किया ऑफबीट पर्यटन स्थलों को चिन्हित

देहरादून: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और चारों धामों के लिए विश्व प्रसिद्ध देवभूमि उत्तराखंड में यूं तो कई प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैं. लेकिन मुख्य रूप से चारधाम को लेकर श्रद्धालुओं में एक विशेष आस्था है.

नैनीताल, मसूरी, लैंसडाउन हरिद्वार और ऋषिकेश में कुछ ऐसे पर्यटक स्थल हैं, जहां हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी पहुंचते हैं. यदि आप भी उत्तराखंड घूमने की सोच रहे हैं तो उससे पहले कुछ जरूरी विषयों के बारें में जान लें. ईटीवी भारत ने आपके लिए एक कुछ पर्यटन स्थल की सूची बनाई है, जहां आप नैसर्गिक सुंदरता का आनंद ले सकेंगे.

पर्यटन विभाग ने चिन्हित किए 9 ऑफबीट पर्यटक स्थल

उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेश में कुल 9 ऑफबीट पर्यटक स्थल यानी टूरिस्ट डेस्टिनेशन चिन्हित किए गए हैं जहां जानकारी के अभाव में कम पर्यटक ही पहुंच पाते हैं. इसमें नौकुचियाताल, काकड़ीघाट, शीतलाखेत, कौसानी, चौकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर, लोहाघाट श्यामलाताल और टनकपुर का नाम शामिल है.

पर्यटन विभाग ने चिन्हित किए 9 ऑफबीट पर्यटक स्थल.

इन सभी 9 ऑफबीट पर्यटक स्थलों की अपनी अलग ही खासियत और खूबसूरती है. नौकुचियाताल खूबसूरत झील के लीए जाना जाता है.

9 कोने वाला नौकुचियाताल है खास

यह ताल (Lake) नैनीताल से महज 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस ताल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके 9 कोने हैं, जिस कारण ही इस झील का नाम नौकुचियाताल है. अगर आप नौकुचियाताल का दीदार करना चाहते हैं तो आप दिल्ली से रामनगर तक फ्लाइट से पहुंच सकते हैं. आगे की यात्रा बस, टैक्सी से की जा सकती है.

नौकुचियाताल.

विश्व विख्यात नीम करौली बाबा का आश्रम भवाली से 7 किमी दूर स्थित है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी. बाबा नीम करौली के आश्रम में पहुंचकर आपको आध्यात्मिक शांति का भी एहसास होगा. दिल्ली से बस या टैक्सी लेकर हल्द्वानी के रास्ते यहां पहुंचा जा सकता है.

शीतलाखंड का कटारमल सूर्य मंदिर आकर्षण का केंद्र

शीतलाखेत उत्तराखंड के रानीखेत नामक पहाड़ी हिल का नाम तो आपने जरूर सुना होगा. हो सकता है कि आप कभी अपने परिवार के साथ रानीखेत आए भी हों, लेकिन अगली बार यदि आप रानीखेत आएं तो शीतलाखेत जरूर आएं.

ये रानीखेत से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर कटारमल सूर्य मंदिर भी मौजूद है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है.

नंदा देवी के लिए लोकप्रिय कौसानी

उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के एक छोटे से पहाड़ी शहर का नाम कौसानी है. हालांकि यह एक छोटा सा पहाड़ी शहर है, इसकी सबसे बड़ी खासियत है यहां कि बर्फ से ढकी नंदा देवी इसके अलावा त्रिशूल पर्वत की खूबसूरती भी आपका मन मोह लेगी.

कौसानी.

इसके अलावा यही वह स्थान है जहां प्रसिद्ध लेखक सुमित्रानंदन पंत का आवास भी है. इसके साथ ही यहां बैजनाथ मंदिर भी मौजूद हैं. कौसानी पहुंचने के लिए भी आपको दिल्ली से बस या टैक्सी का सहारा लेना पड़ेगा. इसके अलावा आप ट्रेन से काठगोदाम तक का सफर तय कर यहां से बस या टैक्सी की मदद से कौसानी पहुंच सकते हैं.

हिमालय की पहाड़ियों से घिरा चौकोड़ी

अगर आप किसी ऐसे पर्यटन स्थल की तलाश में है जहां पहुंच कर आप प्रकृति के बीच रहकर मन की शांति का एहसास करना चाहें तो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद में स्थित चौकोड़ी से बेहतर कोई दूसरी जगह नहीं हो सकती. चौकोड़ी हिमालय की ऊंची पहाड़ियों से घिरा एक छोटा सा गांव हैं.

चौकोड़ी.

अगर आप चौकोड़ी पहुंचना चाहते हैं तो आपको दिल्ली से सीधे बस या टैक्सी के माध्यम से पहले पिथौरागढ़ पहुंचना होगा. उसके बाद टैक्सी या लोकल बस के माध्यम से आप वहां पहुंच सकते हैं.

शिव भक्तों के लिए खास है पाताल भुवनेश्वर

पाताल भुवनेश्वर एक पौराणिक शिव गुफा का नाम है जो पिथौरागढ़ जनपद के गंगोलीहाट नामक शहर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस पौराणिक गुफा में प्रवेश कर आपको आध्यात्मिक शांति का अहसास तो होगा ही इसके साथ ही इस गुफा के अंत तक पहुंचने के लिए आपको 90 फीट नीचे जाना होगा. आपके लिए यह एक रोमांचकारी यात्रा होगी.

पाताल भुवनेश्वर.

इस गुफा में पहले सरकार की ओर से फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब सरकार की ओर से इसकी अनुमति दे दी गई है जो आपकी यात्रा को और भी आकर्षक बना देगी. यहां पहुंचने के लिए पहले आपको दिल्ली से बस या टैक्सी लेनी होगी जो आपको सीधे पिथौरागढ़ पहुंचाएगी.

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लोहाघाट की खूबसूरती

उत्तराखंड के चंपावत जनपद का लोहाघाट एक छोटा पहाड़ी शहर है. इस छोटे से पहाड़ी शहर की खूबसूरती में यहां चीड़ के पेड़ चार चांद लगाने का काम करते हैं. एबॉट माउंट एक प्रसिद्ध पिकनिक डेस्टिनेशनों में से एक है. जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है और यहां कई प्रसिद्ध मंदिर भी है.

भीड़भाड़ से बचने के लिए जाएं श्यामलाताल

श्यामलाताल जैसा कि आप नाम से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह भी एक खूबसूरत झील का ही नाम है जो उत्तराखंड के चंपावत जनपद में स्थित है. श्यामलाताल पहुंचने के लिए दिल्ली से चंपावत या टनकपुर के लिए बस लेनी होगी इसके बाद टनकपुर या चंपावत पहुंचने पर यहां से आप टैक्सी लेकर श्यामलाताल का दीदार कर सकते हैं.

श्यामलाताल.

टनकपुर, चंपावत जनपद के ही एक छोटे से मैदानी शहर का नाम है. इस जगह की दो बड़ी खासियत है पहली ये कि एक छोटा सा ब्रिज पार करने पर नेपाल की सीमा शुरू हो जाती है. दूसरी यहां मौजूद मां पूर्णागिरि का प्रसिद्ध मंदिर है जिसे लेकर मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.

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ठहरने का भी उचित विकल्प

अगर आप यह सोच रहे हैं कि इन सभी खूबसूरत ऑफबीट पर्यटक स्थलों में ठहरने की क्या व्यवस्था होगी? तो आपको बता दें कि इन सभी स्थानों में होटल के साथ-साथ छोटे-छोटे होमस्टे भी है.

Last Updated : Jun 16, 2021, 4:00 PM IST

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