देहरादूनःउत्तराखंड परिवहन निगम साल दर साल घाटे में डूबता जा रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद परिवहन निगम की स्थिति बद से बदतर हो गई है. आलम तो ये है कि परिवहन निगम के पास पिछले 4 महीने से कर्मचारियों को न तो वेतन देने के लिए पैसे हैं न ही अन्य देनदारी का भुगतान करने के लिए. ऐसे में जहां बीते दिन परिवहन निगम ने अपने 106 कंडम बसें बेच दी थी तो वहीं, अब परिवहन निगम, स्क्रैप की नीलामी की तैयारी कर रहा है.
परिवहन निगम की स्थिति यह है कि वर्तमान समय में निगम 500 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में चल रहा है. ऐसे में निगम अब स्क्रैप बेचकर पैसा जुटाने की कवायद में जुट गया है. इसके लिए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने निगम को आदेश भी दे दिए हैं. हालांकि स्क्रैप बेचकर निगम को थोड़ा पैसा जरूर मिल जाएगा, लेकिन परिवहन निगम के घाटे के सामने यह पैसा कुछ भी नहीं है. क्योंकि, बीते 4 महीने से अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है. जिसके लिए निगम को 80 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि की जरूरत है. इसके अतिरिक्त अन्य देनदारी भी करोड़ों में है.