देहरादून/विकासनगर/काशीपुर: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद देशभर के वकीलों में रोष है. इसका असर उत्तराखंड में भी देखने को मिला है. विरोध में पूरे प्रदेश के वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया. वहीं, राजधानी देहरादून बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कोर्ट परिसर में दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पछवादून बार एसोसिएशन और काशीपुर बार एसोसिएशन के वकीलों ने भी कार्य बहिष्कार किया, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
तीस हजारी कोर्ट में हुई घटना के बाद पूरे देश के वकीलों में रोष. देहरादून
देहरादून बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कोर्ट परिसर से नारेबाजी कर जिलाधिकारी कार्यालय तक प्रदर्शन रैली निकाली, इस दौरान वकीलों ने एकजुट होकर कहा कि कोई भी अपना चेंबर नहीं खोलेगा. देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने बताया की जिस तरीके से दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में यह घटना घटी है. पूरे देश के वकील आज उसका विरोध कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया गया, जो गलत है. दिल्ली पुलिस को अब भी ट्रेनिंग की आवश्यकता है.
विकासनगर
पछवादून बार एसोसिएशन के वकीलों ने भी दिल्ली पुलिस द्वारा बर्बरता के विरोध में एक दिवसीय प्रदर्शन कर कार्य बहिष्कार किया. वहीं, वकीलों के कार्य बहिष्कार से तहसील से संबंधित कार्यों को लेकर लोग दिनभर भटकते नजर आए. पछवा दून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बर्तवाल ने बताया कि पूरे पछवादून के वकील आज कार्यबहिष्कार पर हैं.
काशीपुर
काशीपुर में भी बार एसोसिएशन के पदधिकारियों के नेतृत्व में वकीलों ने कार्य बहिष्कार कर दिल्ली में हुई घटना का विरोध जताया. काशीपुर न्यायालय परिसर में बार एसोसिएशन अध्यक्ष धर्मेंद्र तुली के नेतृत्व में वकीलों ने प्रदर्शन कर दिल्ली में हुई घटना की कड़े शब्दों में निंदा की. इस दौरान वकीलों ने दिल्ली पुलिस प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की. इस दौरान धर्मेंद्र तुली ने दिल्ली पुलिस के द्वारा किए गए पथराव, गोलीबारी और लाठीडंडों से की गई मारपीट में घायल अधिवक्ताओं को 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की.
क्या है मामला ?
बता दें, 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच हुए विवाद में गोली लगने के बाद अधिवक्ता की मौत की अफवाह फैल गई. इसकी वजह से हालात सबसे ज्यादा बेकाबू हो गए. इसके बाद हमलावर हुए अधिवक्ताओं ने वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया. आरोप है की पुलिसकर्मी लॉकअप के अंदर ले जाकर वकीलों की बुरी तरह पिटाई कर रहे थे. साथी वकीलों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. इस पर वकीलों ने भी विरोध दर्ज कराया.