देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री और ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के नाम से सोशल मीडिया और फोन पर आवाज बदलकर रुपए मांगने का मामला सामने आया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
फीस जमा करने के नाम पर पैसों की मांग: पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार सुबह लगभग 8 बजे के करीब 7894xxxx55 अनजान फोन नंबर से ऋषिकेश स्थित 14 बीघा निवासी संदीप परमार के पास फोन आता है. सामने वाला खुद को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (cabinet minister premchand agarwal) का PSO जसराज बताता है और फिर प्रेमचंद अग्रवाल की फर्जी आवाज में संदीप परमार से पैसों की मांग करता है.
साइबर कैफे मालिक संदीप परमार को साइबर ठग अपनी बहन की बेटी की कॉलेज फीस रात नौ बजे तक हर हाल में जमा करने के लिए कहता है, लेकिन जब संदीप पैसे जमा करने को लेकर असमर्थता जताता है तो आरोपी प्रेमचंद अग्रवाल की आवाज में कहता है कि मेरा तो कुछ लिहाज करो. रात 10 बजे तक पैसा जमा करो. फर्जी PSO ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के रूप में 21,863 रुपये फीस जमा करने के नाम पर संदीप परमार के व्हाट्सएप नंबर पर लगातार मैसेज भेजकर उनको परेशान करता है.
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के नाम से मांगे पैसे. जिसके बाद साइबर कैफे मालिक ने मंत्री के पीआरओ से संपर्क किया और इस बारे में बताया तो उन्होंने इस तरह की बात से इनकार कर दिया. जिसके बाद पता चला कि कोई मंत्री का फर्जी PSO बनकर ठगी कर रहा है. जिसके बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के ओएसडी ताजेंद्र सिंह नेगी ने कोतवाली में अज्ञात ठगों के खिलाफ तहरीर दी.
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मामले की गंभीरता को देखते हुए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के जनसंपर्क अधिकारी ताजेंद्र नेगी (Premchand Aggarwal PRO Tajendra Negi) ने इस धोखाधड़ी के संबंध में ऋषिकेश थाने में प्रार्थना पत्र देकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े से लोग बच सकें.
वहीं, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा बीते रोज देर शाम कैबिनेट बैठक समाप्त होने के बाद उन्हें जानकारी मिली कि किसी ने उनके नाम से फोनकर पैसा वसूली करने का प्रयास किया है. पैसा मांगने का पूरा ऑडियो भी रिकॉर्ड हो गया है. जानकारी मिलते ही उन्होंने मामले की शिकायत दर्ज करवाने के लिए अपने जनसंपर्क अधिकारी ताजेंद्र नेगी को कहा. जिसके बाद इस मामले की शिकायत कोतवाली ऋषिकेश में की गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी गई है.