देहरादून:उत्तराखंड में कोरोना का प्रकोप जारी है. जिसको लेकर एसडीआरएफ कमांडेंट के नेतृत्व में लंबे समय कोरोना कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए पुलिस की तीन यूनिट कार्यरत हैं. कोरोना के शुरूआती समय से ही एसडीआरएफ कांटेक्ट ट्रेसिंग के दृष्टिगत कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान कर उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य व जिला प्रशासन टीम को देने का कार्य कर रही हैं. ताकि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले हाई और लो रिस्क वालों की शिनाख्त कर कोरोना गाइडलाइन का पालन कराया जा सकें.
कोरोना कांटेक्ट ट्रेसिंग में जुटी पुलिस की तीन यूनिटें. कोरोनाकाल में महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के तहत पुलिस इकाइयों की व्यस्तता होने के चलते कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य प्रभावित होने की सूचनाएं आ रही थी. ऐसे में एक बार फिर एसडीआरएफ डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में पीएसी कमांडेंट और आईआरबी प्रथम और द्वितीय कमांडेंट को कांटेक्ट ट्रेसिंग कार्रवाई तेजी से जारी रखे हुए हैं.
पुलिस की तान यूनिट कर रही कांटेक्ट ट्रेसिंग
40वी वाहिनी पीएसी के कमांडेंट हरिद्वार, चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग जैसे जिलों में कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों के कांटेक्ट ट्रेसिंग की जिम्मेदारी देख रहे हैं. वहीं, आईआरबी प्रथम के कमांडेंट पूरे कुमाऊं परिक्षेत्र में कांटेक्ट ट्रेसिंग रिपोर्ट में जुटे हैं. आईआरबी द्वितीय के कमांडेंट को देहरादून, टिहरी व उत्तरकाशी जैसे जिलों में कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आने वाले कांटेक्ट ट्रेसिंग को देख रहे हैं.
गंभीरता से किया जा रहा कार्य
कांटेक्ट ट्रेसिंग मामले में जानकारी देते हुए डीआईजी मुख्यालय नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि राज्यभर में अभी तक 1 लाख 14 कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए लोगों की संख्या 3 लाख 41 हजार हैं. ऐसे में वर्तमान समय तक उत्तराखंड पुलिस ने कुल 4 लाख 55 हजार लोगों को कांटेक्ट ट्रेसिंग में ट्रेस किया है.
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पॉजिटिव की जानकारी की जा रही साझा
डीएम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मोबाइल नंबर और उनके बारे में विस्तृत जानकारी एसडीआरएफ कमांडेंट को भेजी जाती है. उसी के आधार में वह अपनी टीम की मदद से कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान की कार्रवाई करते हैं. SDRF से ही कांटेक्ट ट्रेसिंग में आने वाले लोगों की रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जाती है. उसी के आधार पर प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की टेस्टिंग और उनके उपचार आइसोलेशन जैसे विषय पर कार्रवाई करता हैं. डीएम ने बताया कि एसडीआरएफ से कांटेक्ट ट्रेसिंग की रिपोर्ट मिलने के साथ अतिरिक्त रूप से अपनी ओर से भी जांच शुरू करते हैं.