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खनन नियमावली में 3 बड़े बदलाव, अपर मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश - trivendra singh rawat

उत्तराखंड में खनन नीति में तीन बड़े बदलाव किए गए हैं. क्या कुछ बदलाव किए गए हैं, आइए आपको बताते हैं.

ओम प्रकाश
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Published : May 7, 2020, 12:50 PM IST

Updated : May 7, 2020, 3:41 PM IST

देहरादूनः प्रदेश में लॉकडाउन के चलते कई निर्माण कार्यों की रफ्तार धीमी हो गई है. अब रुके हुए निर्माण कार्यों को रफ्तार देने के लिए कवायद चल रही है. इसी क्रम में प्रदेश की खनन नीति में तीन बड़े बदलाव किए गए हैं. अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने नए आदेश जारी कर दिए हैं.

अपर मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश.

खनन नीति में किए गए तीन बड़े बदलाव

  1. अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि साल 2016 से पहले के क्रशरों को मानकों को पूरा करने के लिए साल 2018 में ही 19 नवंबर 2021 तक का समय दिया है. यह अवधि अभी भी यथावत रहेगी. मानकों के अलावा कोई अनियमितता पाई जाती है तो उसके खिलाफ नियमों के अधीन कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले तीनों मैदानी जिलों के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश पर सर्वेक्षण किया गया था. ऐसे में अनियमितता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
  2. लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से 22 अप्रैल की अवधि में होने वाली रिवर ट्रेनिंग बाधित हो गई थी. ऐसे में इस अवधि में छूट देते हुए उन्हें आगे का समय दिया गया है. जबकि, रिवर ट्रेनिंग के लिए 4 महीने का समय निर्धारित किया गया था, जो अब 1 महीने आगे बढ़ाया गया है.
  3. पहले निजी पट्टों की नीलामी की जाती थी. लेकिन, अब निजी पट्टे जिनका कि खुद पर मालिकाना हक है तो उन्हीं को यह पट्टे आवंटित किए जाएंगे. यह व्यवस्था भी नियमावली में संशोधित की गई है.

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वहीं, कोविड-19 संक्रमण के चलते खनन की गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखने को कहा गया है. अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि क्रशर और पट्टा संचालकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. इसकी मॉनिटरिंग जिलाधिकारी करेंगे. ऐसे में कहीं भी इसका उल्लंघन पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : May 7, 2020, 3:41 PM IST

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