उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

WORLD EARTH DAY: लॉकडाउन में कितनी स्वच्छ हुई हमारी पृथ्वी, आंकड़े हैं गवाह

लॉकडाउन की इस अवधि में पृथ्वी पर प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है. यही नहीं देश की महत्वपूर्ण नदियां गंगा और यमुना का प्रदूषण स्तर भी काफी कम हुआ है. सही मायनों में गंगा और यमुना नदी का सरंक्षण अब शुरू हुआ है.

WORLD EARTH DAY
WORLD EARTH DAY

By

Published : Apr 22, 2020, 4:21 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 7:01 PM IST

देहरादून:आज विश्व पृथ्वी दिवस है. हर साल 22 अप्रैल का दिन अर्थ डे के रूप में मनाया जाता है. इन दिनों ये दिवस इसलिए भी बेहद ख़ास है, क्योंकि देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में पृथ्वी खुद ही अपने को प्रदूषण मुक्त कर रही है. ये सब बातें हम यूं ही नहीं कह रहे, इसकी तस्दीक गंगा नदी की निर्मलता और हिमालय के सफेद ऊंचे पहाड़ कर रहे हैं. दिल्ली जैसे महानगर में दिन के वक्त नीला आसमान साफ़ दिखाई दे रहा है तो रात को शीतल हवाएं मन मोह रही हैं. गर्मी भी पिछले कई सालों की तुलना में कम है. लोग भी मान रहे हैं कि लॉकडाउन के दरम्यान पृथ्वी खुद को स्वच्छ कर रही है.

लॉकडाउन में नदियों का पानी हुआ निर्मल.

प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी भी मानते हैं कि लॉकडाउन की इस अवधि में पृथ्वी में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो चुका है. यहीं नहीं देश की महत्वपूर्ण नदियां गंगा और यमुना का भी प्रदूषण स्तर पर काफी कम हुआ है. सही मायनों में गंगा और यमुना नदी का सरंक्षण अब शुरू हुआ है.

ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगाजल में ऑक्सीजन की मात्रा एक प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई है. इसका दावा खुद केंद्रीय जल आयोग कर रहा है. आयोग के मुताबिक, नदी के पानी में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा का मानक 6 प्रति लीटर तय है. ऋषिकेश में लॉकडाउन से पूर्व गंगा में ऑक्सीजन की मात्रा 5.20 प्रति लीटर थी, जो अब बढ़कर 6.50 प्रति लीटर हो गई है.

पढ़े: पृथ्वी दिवस: उत्तराखंड में लॉकडाउन बना जंगलों के लिए 'संजीवनी'

वहीं, दूसरी तरफ धर्मनगरी हरिद्वार में भी गंगा में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा पहले के मुकाबले काफी बढ़ चुकी है. लॉकडाउन से पहले यहां गंगा में ऑक्सीज़न 4.50 प्रति लीटर था. वहीं, अब लॉकडाउन के बीच बढ़कर 5.75 प्रति लीटर हो गया है.

1970 में अमेरिकी सीनेटर ने शुरू की थी मुहिम

पृथ्वी दिवस की शुरुआत ज्यादा पुरानी नहीं है. साल 1970 में अमेरिकी सीनेटर गेयलोर्ड नेल्सन ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत की थी. जिसके बाद विश्व भर के कई देशों में हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है.

कुल मिलाकर देखा जाए तो कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन का ये दौर आम जनमानस के लिए मुश्किलों भरा जरूर है. लेकिन हमारे पर्यावरण और पृथ्वी के लिए लॉकडाउन फायदेमंद साबित हो रहा है.

Last Updated : Apr 22, 2020, 7:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details