देहरादूनः प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए इस साल 72 सालों में पहली बार राजधानी के परेड ग्राउंड में दशहरे के मौके पर रावण दहन का भव्य कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा.
ईटीवी भारत से खास बात करते हुए बन्नू बिरादरी के अध्यक्ष हरीश विरमानी ने बताया कि साल 1948 से बन्नू बिरादरी की ओर से परेड ग्राउंड में दशहरे के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाता रहा है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बन्नू बिरादरी ने कार्यक्रम न करने का फैसला लिया है.
परेड ग्राउंड में नहीं होगा रावण दहन. वहीं, दशहरा कमेटी के अध्यक्ष संतोष नागपाल के मुताबिक, दशहरा के मौके पर हर साल लाखों की संख्या में लोग रावण दहन देखने परेड ग्राउंड पहुचते हैं. ऐसे में यदि कोरोना संकट काल में इस बार उनकी ओर से दशहरे का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, तो इसमें कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराना एक बड़ी चुनौती साबित होगा. यही कारण है कि प्रदेश वासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बन्नू बिरादरी ने इस बार दशहरा कार्यक्रम आयोजित न करने का फैसला लिया है.
वहीं,परेड ग्राउंड में हर साल आयोजित होने वाले दशहरा कार्यक्रम का माहौल किसी भव्य मेले से कम नहीं होता है. ऐसे में इस बार परेड ग्राउंड में दशहरा कार्यक्रम आयोजित न होने से छोटे व्यापारी जो दशहरा कार्यक्रम के दौरान बच्चों के लिए तरह-तरह के खिलौने और खाद्य सामग्री इत्यादि बेचा करते थे, उन्हें भी खासा नुकसान होगा.
कौन है बन्नू बिरादरी
बन्नू पाकिस्तान के एक छोटे से इलाके का नाम है. जहां रहने वाले लाखों लोग साल 1947 में हुए भारत-पाक विभाजन के दौरान भारत के अलग-अलग हिस्सों में आकर बस गए थे. ऐसे में साल 1948 से देहरादून में बसे बन्नू बिरादरी के लोगों ने परेड ग्राउंड में दशहरा के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम की शुरुआत की थी. जिसके बाद कभी भी ऐसा नहीं हुआ, जब परेड ग्राउंड में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित न हुआ हो, लेकिन इस बार कोरोना संकटकाल में पहली बार बन्नू बिरादरी की ओर से परेड ग्राउंड में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा रहा है.