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AIIMS ऋषिकेश में आयोजित होगी राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान की तीसरी प्रतियोगिता - AIIMS Director released the poster

एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता (NBRcom) के वार्षिक वैज्ञानिक कार्यक्रम का पोस्टर जारी किया. प्रतियोगिता 6 से 10 सितंबर तक होगी. इस आयोजन से देश के युवा वैज्ञानिकों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा.

All India Institute of Medical Sciences Rishikesh
All India Institute of Medical Sciences Rishikesh

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Published : Aug 23, 2021, 7:21 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश (AIIMS) में सोसाइटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स, भारत के तत्वावधान में 6 से 10 दिसंबर 2021 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता (NBRcom) का वार्षिक वैज्ञानिक कार्यक्रम का निदेशक एम्स प्रोफेसर रवि कांत ने पोस्टर जारी किया. सोसाइटी के अध्यक्ष व आयोजन सचिव रोहिताश यादव ने बताया कि एम्स ऋषिकेश और पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़ में सोसाइटी द्वारा आयोजित पहले और दूसरे राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता के सफल समापन के बाद एम्स ऋषिकेश में तीसरी वार्षिक अनुसंधान प्रतियोगिता देश के राष्ट्रीय महत्व के 7 अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर आयोजित की जाएगी.

सोसाइटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स एसवाईबीएस की ओर से एम्स निदेशक रविकांत ने राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता 2021 का पोस्टर जारी किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि राष्ट्रीय महत्व व युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने वाली उक्त प्रतियोगिता की पहल 15 अक्टूबर 2018 को एम्स ऋषिकेश से शुरू की गई थी, जो आज बहुत बेहतर तरीके से संचालित हो रही है. इस आयोजन के जरिए देश के युवा वैज्ञानिकों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है.

निदेशक एम्स ऋषिकेश ने सोसाइटी को मेडिकल रोबोटिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैटेग्री को भी प्रतियोगिता में सम्मिलित करने व आईआईटी को भी इस आयोजन में भागीदारी बनाने का सुझाव दिया है.

इस अवसर पर संस्थान के डीन (Academic) प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि इस तरह की अनुसंधान प्रतियोगिताओं से एम्स ऋषिकेश के शोध विद्यार्थियों व रेजिडेंट्स चिकित्सकों को भी अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करने के लिए प्लेटफॉर्म मिलेगा, जिससे उन्हें आगे बढ़ने के अच्छे अवसर मिल सकेंगे.

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फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष एंड डीन एलाइड हैल्थ साइंस प्रो. शैलेंद्र हांडू ने बताया कि हर वर्ष चिकित्सा विज्ञान, जीवन विज्ञान, फार्मेसी, नर्सिंग, दंत चिकित्सा, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग आदि जैव चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों के युवा शोधकर्ता और वैज्ञानिक देशभर से एक ही मंच पर एकत्रित होकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं, जिससे उन्हें जीवन में आगे बढ़ने व बेहतर करियर बनाने के लिए नए अवसर प्राप्त होते हैं.

आयोजन सचिव रोहिताश यादव ने बताया कि तीसरी बार होने जा रही राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता का आयोजन राष्ट्रीय महत्व के अनुसंधान संस्थानों जेएनयू-दिल्ली, पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़, एम्स-ऋषिकेश, नाइपर-मोहाली, सीडीआरआई-लखनऊ, आईआईटीआर-लखनऊ और एम्स-जोधपुर के सहयोग से किया जा रहा है. यादव ने बताया कि यह राष्ट्रीय शोध प्रतियोगिता एम्स संस्थान के प्रो. बलरामजी ओमर की आयोजक अध्यक्षता, संयोजक फार्माकोलॉजी ​विभाग फैकल्टी डा. पुनीता धमीजा तथा नर्सिंग फैकल्टी रु​चिका रानी के नेतृत्व में किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि उक्त शोध प्रतियोगिता 6 से 10 दिसंबर-2021 तक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर (ऑनलाइन) आयोजित की जाएगी. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सोसाइटी की वेबसाइट www.sybs.org पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं.

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यह राष्ट्रीय शोध प्रतियोगिता मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों के साथ चार श्रेणियों अर्थात जीवन विज्ञान, स्वास्थ्य विज्ञान, औषधि विज्ञान एवं इनोवेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मेडिकल रोबोटिक में आयोजित की जाएगी. इसमें देश के शोधार्थी अपने शोध कार्य प्रस्तुत करेंगे तथा प्रख्यात बायोमेडिकल वैज्ञानिक बतौर जज हिस्सा लेंगे. विजेताओं को 5 लाख रुपए तक नकद पुरस्कारों के साथ ही यंग रिसर्चर अवॉर्ड से नवाजा जाएगा.

अनुसंधान प्रतियोगिता का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ताओं के बीच नेटवर्किंग को बढ़ावा देना, उनके ज्ञान क्षितिज को व्यापक बनाना और उन्हें अग्रिम पंक्ति और अत्याधुनिक अनुसंधान कौशल से लैस करना है. ताकि राष्ट्रीय स्तर पर जैव चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रतिमान बदलाव लाया जा सके.

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