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अटल आयुष्मान योजना में जुड़े नियम, क्लेम के दौरान पूरी करनी होगी ये औपचारिकताएं

उत्तराखंड में अब अटल आयुष्मान योजना (Atal Ayushman Yojana in Uttarakhand) से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया गया है. ऐसे में अब लाभार्थी को क्लेम के दौरान (formalities for claim) कुछ और औपचारिकताएं पूरी करनी होगी.

Atal Ayushman Yojana in Uttarakhand
क्लेम के दौरान पूरी करनी होगी ये औपचारिकाताएं.

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Published : Oct 1, 2022, 6:05 PM IST

देहरादून:अटल आयुष्मान योजना (Atal Ayushman Yojana) के अंतर्गत लाभार्थी का सत्यापन प्रपत्र और चिकित्सालय का प्रमाण पत्र दिए जाने की अनिवार्यता को अब लागू कर दिया गया है. राज्य सरकार द्वारा आयुष्मान योजना को पारदर्शी रूप से क्रियान्वित करने के लिए कुछ प्रपत्र को लेकर नए नियम जोड़े गए हैं. ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके.

बता दें कि उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना (Atal Ayushman Yojana) में अधिक से अधिक लोगों को लाभ देने के मकसद से नए निर्णय लिए जा रहे हैं. इस कड़ी में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की तरफ से आयुष्मान योजना को पारदर्शी बनाने के लिए चिकित्सालय के लिए क्लेम लेने के दौरान कुछ औपचारिकताओं को जोड़ दिया गया है. इसके तहत अब चिकित्सालयों को आयुष्मान योजना में लाभार्थी का सत्यापन प्रपत्र और चिकित्सालय का प्रमाण पत्र भी अनिवार्य रूप से देना होगा.

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इसके तहत क्लेम के लिए दाखिल धनराशि का बिल लाभार्थी द्वारा भी हस्ताक्षर कराना होगा, जिसकी एक प्रति लाभार्थी को भी देनी होगी. वहीं, इसके अलावा उपचार के बाद लाभार्थी का सत्यापन प्रपत्र ऑनलाइन अपलोड करना होगा. यही नहीं उपचार के बाद लाभार्थी को चिकित्सालय का प्रमाण पत्र क्लेम प्रस्तुत करते समय ऑनलाइन अपलोड करना होगा.

उधर, दूसरी तरफ पेंशनर्स को भी कैशलेस इलाज (Cashless treatment for pensioners) मिलना शुरू हो चुका है. इसमें पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड (Ayushman Yojana golden card) पर असीमित विक्रम का इलाज मिल सकेगा जबकि इसके लिए अक्टूबर की पेंशन से पेंशनर से अंशदान लिया जाएगा.

इसमें वेतन के लिहाज से ₹100 से लेकर ₹1000 तक का अनुदान देना होगा. बावजूद प्रदेश में 16,800 पेंशनर्स ने आयुष्मान योजना से बाहर रहने का विकल्प दे दिया है. जिसके बाद उन्हें पूर्व की व्यवस्था के तहत ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति दी जाएगी. राज्य में अब तक 47,5000 कर्मचारी और पेंशनर्स और उनके आश्रितों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं.

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