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Corbett Illegal Construction: पाखरो सफारी पर CEC ने सबमिट की रिपोर्ट, तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत जिम्मेदार

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो सफारी मामले में सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी ने आखिरकार अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है. खास बात ये है कि इस रिपोर्ट में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत को भी अवैध निर्माण और पेड़ काटे जाने के मामले में जिम्मेदार ठहराया गया है.

Harak singh rawat
हरक सिंह रावत को सुप्रीम कोर्ट से झटका

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Published : Jan 25, 2023, 8:11 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड में विवादों में रहा कॉर्बेट टाइगर पाखरो सफारी मामले पर सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दी है. रिपोर्ट में कॉर्बेट में अवैध निर्माण और हजारों पेड़ काटे जाने के मामले पर अपनी संस्तुति दी गई है. जिसमें तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत भी जिम्मेदार पाए गए हैं.

बता दें कि कॉर्बेट टाइगर सफारी में कई शिकायतें आने के बाद सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी ने इसकी जांच शुरू की थी. लंबे समय तक चली इस जांच के बाद कई बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि तत्कालीन मंत्री हरक सिंह रावत को इसमें जिम्मेदार माना गया है.

गौर हो कि इससे पहले इस मामले में दो आईएफएस अधिकारी को सस्पेंड किया गया था. जबकि, कॉर्बेट के तत्कालीन डायरेक्टर राहुल कुमार को मुख्यालय में अटैच किया गया था. इसके अलावा वार्डन स्तर पर भी विजिलेंस इस मामले में कार्रवाई कर चुकी है.

हालांकि, इस पूरे मामले पर अब तक कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को जांच का सामना नहीं करना पड़ा था, लेकिन अब जिस तरह सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में हरक सिंह रावत को जिम्मेदार ठहराया है. उसके बाद हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

हरक सिंह रावत के वन मंत्री रहते हुए कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी बनाए जाने का काम शुरू किया गया था. इस मामले पर ईटीवी भारत ने हरक सिंह रावत से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि उनकी ओर से सभी लीगल पहलुओं को देखते हुए काम शुरू करवाया गया था. जहां तक बाद अवैध पेड़ कटान और अवैध निर्माण की है उसको लेकर विजिलेंस अपना काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि यदि किसी ने कोई रिपोर्ट तैयार की है तो कानूनी रूप से इस पर वे अपना पक्ष रखेंगे. सीईसी की रिपोर्ट में सरकार को भी 6 महीने में इस मामले पर की गई कार्रवाई की जानकारी देने के लिए कहा गया है. अब इस रिपोर्ट के सुप्रीम कोर्ट में सबमिट होने के बाद कोर्ट किस तरह के आदेश देती है? यह देखना दिलचस्प होगा.
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