उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

लॉकडाउन में भी नहीं बदली रिस्पना की सूरत, देखिए क्या है हकीकत

लॉकडाउन में प्रकृति अपने पहले वाले स्वरूप में लौट रही है. लॉकडाउन के दौरान गंगा, यमुना नदी समेत हजारों नदियों का जल स्वच्छ और निर्मल हो चुका है, लेकिन इस दौरान अगर कुछ नहीं बदला है तो वह है देहरादून की रिस्पना नदी. जो आज भी नाले में तब्दील दिख रही है. देखिए ये रिपोर्ट...

dehradun
नहीं बदली रिस्पना की सूरत

By

Published : May 7, 2020, 6:56 PM IST

देहरादून:वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन लागू है. हालांकि, लॉकडाउन के चलते आम जनता, व्यापारियों और मजदूरों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही देश और राज्य के आर्थिकी पर भी इसका काफी गहरा असर पड़ रहा है.

वहीं, लॉकडाउन के बीच प्रकृति अपने पुराने स्वरूप में लौट रही है. जिसकी वजह से गंगा, यमुना समेत छोटी-बड़ी करीब 1300 नदियां पूरी तरह स्वच्छ हो गई हैं. लेकिन, करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी अभीतक देहरादून में बहने वाली रिस्पना नदी स्वच्छ नहीं हो पाई है. आखिर क्या है रिस्पना नदी के स्वच्छ न होने की वजह, राज्य सरकार क्या कुछ प्रयास रही है ? देखिए ईटीवी भारत की रिपोर्ट....

रिस्पना नदी की हकीकत.

लॉकडाउन की वजह से तमाम छोटे-बड़े उद्योग बंद थे, जिसके चलते प्रदेश की तमाम छोटी-बड़ी नदियां पूरी तरह से साफ हो गई हैं, लेकिन देहरादून में बहने वाली रिस्पना नदी अभीतक साफ नहीं हो पाई है. इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि बीते 20-25 सालों से रिस्पना नदी पूरी तरह से सूख गई है. लिहाजा आज भी रिस्पना नदी नाले की तरह ही नजर आ रही है. जो पूरी तरह गंदगी से पटी हुई है.

बता दें कि बरसात के दौरान रिस्पना नदी में पानी का बहाव बहुत तेज हो जाता है. क्योंकि इस नदी के जरिए ही बरसात का पानी देहरादून से बाहर निकलता है. लेकिन बरसात के दौरान भी यह नदी साफ नजर नहीं आती है. क्योंकि इस नदी में पहले से ही गंदगी पटी हुई है और बरसात में तमाम अन्य क्षेत्रों से गंदगी भी पानी के साथ रिस्पना नदी में आ जाती है. ऐसे में रिस्पना नदी को साफ करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.

ये भी पढ़े:बदरीनाथ से जुड़ी रोचक कहानी, कपाट खोलने को चार चाबियों की होती है जरूरत

उत्तराखंड राज्य सरकार रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए अभी तक करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है. यही, नहीं "रिस्पना टू ऋषिपर्णा" अभियान के तहत रिस्पना नदी को जीवित करने के लिए सरकार ने लाखों पेड़ पौधे भी लगाए. ताकि एक बार फिर रिस्पना नदी को पहले की तरह जीवित किया जा सके और इसमें पानी का बहाव शुरू हो जाए.

वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि रिस्पना नदी अन्य नदियों से भिन्न है. क्योंकि अन्य नदियों में पानी का बहाव है, लेकिन रिस्पना नदी पूरी तरह से सुखी हुई है. ऐसे में सरकार की प्राथमिकता है कि सबसे पहले रिस्पना नदी में पानी लाया जाए और अभी प्लानिंग के तहत काम किया जा रहा है.

वहीं, रिस्पना नदी के आसपास रहने वाले स्थानीय निवासियों का कहना है कि करीब 20 से 25 साल पहले से ही इस नदी की हालत ऐसी ही बनी हुई है. हालांकि, बरसात के दौरान नदी में पानी का बहाव होता है, लेकिन वह पानी भी पूरी तरह से गंदा ही होता है. वहीं, बरसात खत्म होने के बाद फिर रिस्पना नदी पूरी तरह सूख जाती है. यही नहीं स्थानीय निवासियों ने बताया कि नदी से हमेशा ही दुर्गंध आती है और बरसात के समय दुर्गंध और बढ़ जाती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details