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विधानसभा बैक डोर भर्ती: एक्सपर्ट कमेटी ने शुरू की जांच, कब्जे में लिए दस्तावेज

विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले की जांच शुरू हो गई है. विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले में कमेटी की आज पहली बैठक हुई. जांच कमेटी ने बैक डोर भर्ती मामले के सभी कागजात कब्जे में ले लिये हैं. जिसके बाद अब आगे चरणबद्ध जांच होगी.

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विधानसभा बैक डोर मामले में जांच कमेटी ने शुरू किया काम

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Published : Sep 4, 2022, 4:37 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले में गठित की गई जांच कमेटी ने आज से अपना काम शुरू (back door recruitment case begins investigation) कर दिया है. कमेटी ने आज पहली बैठक की. जांच को किस तरह से आगे बढ़ाया जाए इस पर रणनीति तैयार की गई. विशेषज्ञ जांच समिति के अध्यक्ष दिलीप कोटिया (Dilip Kotia chairman of inquiry committee) ने बताया अभी जांच के शुरुआती दौर में सबसे पहले वह दस्तावेजों को संकलन करने का काम किया जाएगा.

विधानसभा बैक डोर भर्ती मामला (assembly back door recruitment case) इन दिनों प्रदेश में सुर्खियों में है. मामले में बीते रोज ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. इसके अलावा विधानसभा सचिव को जांच पूरी होने तक तत्काल प्रभाव से छुट्टी भेजा. इस फैसले के तुरंत बाद विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल का ऑफिस भी सील करवाया.

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विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के निर्देशों के बाद विशेषज्ञों की गठित की गई टीम में 3 पूर्व आईएएस अधिकारियों को रखा गया है, जो इस मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे. इस विशेषज्ञ जांच समिति में पूर्व आईएएस दिलीप कोटिया अध्यक्ष हैं. सुरेंद्र सिंह रावत और अवनींद्र सिंह नयाल सदस्य हैं. विधानसभा अध्यक्ष से निर्देश मिलते ही विशेषज्ञ जांच समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है.

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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विशेषज्ञ जांच समिति के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने कहा उनके द्वारा मामले की आज से ही गहनता से जांच शुरू कर दी गई है. साथ ही उन्होंने बताया आज समिति की पहली महत्वपूर्ण बैठक थी. आज जांच को किस तरह से आगे बढ़ाया जाए इस पर रणनीति तैयार की गई.

विशेषज्ञ जांच समिति के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने बताया अभी जांच के शुरुआती दौर में सबसे पहले वह दस्तावेजों को संकलन करने का काम किया जाएगा. उसके बाद धीरे-धीरे वह चरणबद्ध तरीके से जांच में आगे बढ़ेगी. इसके अलावा उन्होंने जांच को लेकर किसी भी तरह की बात को साझा करने से इंकार किया. उन्होंने कहा जांच को पूरी तरह से गोपनीयता के साथ पूरा किया जाएगा.

विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: बता दें कि, विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.

बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है. मामला इतना ही नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किये गये हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई. उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली.

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला. इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है.

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