देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर गठित प्रवर समिति का कार्यकाल कल खत्म हो रहा है, जबकि समिति रिपोर्ट देने की स्थिति में नहीं है. समिति को 15 दिन का समय दिया गया था. जिसकी अभी तक केवल एक ही बैठक हो पाई है. ऐसे में समिति ने मांग उठाई है कि समिति का कार्यकाल एक माह के लिए और बढ़ाया जाए.
संसदीय और कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आंदोलनकारियों के आरक्षण को लेकर प्रवर समिति उनकी अध्यक्षता में बनाई गई थी. जिसकी अभी तक एक बैठक ही हो पाई है, क्योंकि अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. समिति को 15 दिन का समय दिया गया था. ऐसे में उसका कार्यकाल 25 सितंबर को खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष से कार्यकाल एक माह के लिए और बढ़ाये जाने का आग्रह किया गया है, ताकि बैठक करके रिपोर्ट अध्यक्ष को सौंपी जा सके. इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारी के आरक्षण को लेकर सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है.