उत्तराखंड

uttarakhand

ऋषिकेश: चारधाम यात्रा पार्किंग की जमीन पर किया कब्जा, होगी कार्रवाई

By

Published : Jun 21, 2022, 7:26 PM IST

ऋषिकेश में सरकारी जमीन पर एक निजी निर्माण एजेंसी ने अवैध कब्जा कर लिया है. इसके लिए एजेंसी ने प्रशासन की इजाजत नहीं ली है. अब एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा है कि संबंधित एजेंसी के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा.

rishikesh
ऋषिकेश

ऋषिकेश:भरत विहार क्षेत्र में डीएम देहरादून के नाम दर्ज जमीन पर कथित निर्माण का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब इसी से सटी सरकारी जमीन पर एक निजी निर्माण एजेंसी ने अवैध कब्जा जमा लिया है. इस जमीन पर न सिर्फ प्रशासन की इजाजत के बिना उपखनिज का भंडारण किया गया है, बल्कि मजूदरों का अस्थायी ठिकाना भी बना दिया गया है.

दरअसल, नेशनल हाईवे पीडब्ल्यूडी की डोईवाला डिविजन कोयलघाटी से चंद्रभागा पुल तक बदरीनाथ एनएच का चौड़ीकरण कार्य करा रही है. इसमें शुरूआती तौर पर हाईवे के दोनों किनारों पर पानी की निकासी के लिए नाले का निर्माण किया जा रहा है. नाले के निर्माण समेत अन्य कार्यों के लिए संबंधित एजेंसी ने उपखनिज का भंडारण किया है. हैरानी की बात यह है कि यह भंडारण भरत विहार में सरकारी जमीन पर किया गया है. सूत्रों का दावा है कि एजेंसी ने भंडारण और मजदूरों के यहां टीनशेड डालकर रखने के लिए प्रशासन से कोई इजाजत नहीं ली है.

सरकारी जमीन पर कब्जा.

दिलचस्प यह भी है कि इसी जमीन को प्रशासन ने चारधाम यात्रा के लिए अस्थायी पार्किंग के रूप में चिन्हित किया गया है, जिसका बाकायदा बोर्ड भी जमीन के मुहाने पर लगाया गया है. बावजूद, हाईवे से रोजाना गुजरने वाले जिम्मेदार सरकारी नुमाईंदे इस मनमानी पर एक्शन लेने को तैयार नहीं दिख रहे हैं.

एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी (SDM Shailendra Singh Negi) ने बताया कि सरकारी जमीन पर बिना इजाजत के किसी भी तरह का भंडारण और अन्य गतिविधि संचालित नहीं की जा सकती है. बावजूद, भरत विहार क्षेत्र में निजी निर्माण एजेंसी ने ऐसा किया गया है, तो इसकी जांच कराकर उपखनिज और मजदूरों को वहां से हटाया जाएगा. संबंधित एजेंसी के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा.
पढ़ें-हरिद्वार में दुकानों और बस्तियों में बिक रही अवैध शराब, स्थानीय लोगों ने बनाया वीडियो

एनएच पीडब्ल्यूडी डोईवाला डिविजन की अधिशासी अभियंता रचना ने बताया कि निर्माण एजेंसी ने सरकारी भूमि पर भंडारण किया है, तो यह मसला उनके विभाग का नहीं है. यह एजेंसी की जिम्मेदारी है कि वह निर्माण में यूज होने वाली सामग्री को कहां रखेगी. इसपर किसी को आपत्ति है, तो वह संबंधित विभाग से इसकी शिकायत कर सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details