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COVID 3rd Wave से निपटने की तैयारी, AIIMS ऋषिकेश में Tele ICU सेवा शुरू

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Published : Aug 30, 2021, 6:19 PM IST

एम्स ऋषिकेश में टेली-आईसीयू सेवा शुरू हो गई है. ऐसे में अब एम्स के डॉक्टर एक साथ कई वर्चुअल आईसीयू चला सकेंगे. कोरोना काल में एम्स ने 200 से ज्यादा आईसीयू बेड तैयार किए हैं.

tele ICU services
एम्स ऋषिकेश टेली आईसीयू

ऋषिकेशः कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश तैयारियां में जुट गया है. कोरोनाकाल में एम्स ने आईसीयू सेवाओं का विस्तार कर 200 से ज्यादा आईसीयू बेड तैयार किए हैं. इसी कड़ी में एम्स ऋषिकेश ने टेली-आईसीयू सेवा शुरू की है. इसके लिए संस्थान ने किंग्स कॉलेज लंदन (केसीएल) के साथ एमओयू किया है. इस सेवा से एम्स के डॉक्टर एक साथ कई वर्चुअल आईसीयू चला सकेंगे. साथ ही इस सुविधा से ई-आईसीयू और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ संवाद भी स्थापित किया जा सकता है.

बता दें कि किंग्स कॉलेज लंदन (केसीएल) के पास इस विषय का व्यापक अनुभव है और यह कॉलेज पहले से ही यूनाइटेड किंगडम (यूके) में 180 से ज्यादा एनएचएस अस्पतालों में लाइफ लाइंस यूके नामक एक परियोजना संचालित कर रहा है. यह मार्च 2020 में कोविड महामारी के लिए तात्कालिक आवश्यकता के मद्देनजर मरीजों की सहायता के लिए शुरू की गई थी. जो कि वहां के डॉक्टरों, शिक्षाविदों, विभिन्न कंपनियों की ओर से एक संयुक्त पहल थी.

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इसकी स्थापना किंग्स कॉलेज लंदन में क्रिटिकल केयर नर्सिंग के प्रोफेसर लुइस रोज, गायस और सेंट थॉमस अस्पताल लंदन के डॉक्टर जोएल मेयर व मिशेल पैक्वेट की एक टीम ने संयुक्त रूप से की थी. इसी कड़ी में ब्रिटिश टेलीकॉम से सुरक्षित सॉफ्टवेयर के साथ-साथ एम्स-ऋषिकेश को (50) 4जी टैबलेट कंप्यूटर भी मिले हैं. जिसका उद्घाटन एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने किया.

एम्स ऋषिकेश के निदेशक और सीईओ प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि कोरोना मरीजों के समुचित इलाज और उनकी देखभाल उनकी प्राथमिकता है. कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में संस्थान के सभी डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी अथक रूप से प्रयासरत हैं. लिहाजा, मरीजों की स्वास्थ्य सुविधा को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता और सहयोग के लिए इस प्रस्ताव को लाया गया है.

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उन्होंने इसके लिए केसीएल और ब्रिटिश टेलीकॉम (बीटी) को आभार जताया. साथ ही उन्होंने केसीएल को एम्स ऋषिकेश के साथ साझेदारी करने के लिए आमंत्रित किया. जिससे दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों में मरीजों की सहायता के लिए कृत्रिम आधार वाला योग्य स्वास्थ्य देखभाल उपकरण विकसित किया जा सके. साथ ही कहा कि संस्थान में दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंच के बिना गरीब रोगियों की स्वास्थ्य संबंधी मदद करने के लिए ऐसी नई तकनीकों को विकसित करने के लिए डीन ऑफ इनोवेशन भी बनाया गया है.

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