ऋषिकेश: कोरोना महामारी को हराने के लिये आज हर कोई अपना योगदान दे रहा है. कोरोना के खिलाफ इस जंग में ऋषिकेश की तहसीलदार रेखा आर्य भी अपने परिवार से दूर रहकर अपना फर्ज निभा रही हैं. रेखा लॉकडाउन की शुरुआत से ही अपने पति और दो छोटे बच्चों से दूर रहकर कोरोना की इस जंग में बड़ा योगदान दे रही हैं. रेखा बीते 50 दिन से तन्मयता से ड्यूटी निभाते हुए असली कोरोना योद्धा बनकर सामने आयी हैं.
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रेखा आर्य ड्यूटी पर तैनात रहकर एक बड़ा बलिदान दे रही हैं. रेखा का 4 वर्षीय बेटा दिव्यांग है. दूसरा बेटा करीब दो साल का ही है. वे अपने बच्चों से दूर रहकर सिर्फ फोन के जरिए ही उनसे संपर्क करती हैं. रेखा ने कभी भी ममता को फर्ज के आगे नहीं आने दिया.
परिवार से वीडियो कॉल पर बात करती हसीलदार रेखा आर्य. रेखा आर्य के पति भी पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनके पति टिहरी जिले में पुलिस क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात हैं. कोरोना की इस लड़ाई में दोनों पति-पत्नी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. रेखा आर्य ने होली को छोड़कर लगभग 18 महीनों से एक भी छुट्टी नहीं ली है.
जरुरतमंदों को खाना पहुंचाती हसीलदार रेखा आर्य. तहसीलदार रेखा आर्य लॉकडाउन के बीच सभी जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने का काम कर रही हैं. उन्होंने प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई है. रेखा ने कहा कि आज हमारा देश संकट में है. इस संकट की घड़ी में सभी को अपनी-अपनी सेवाएं देनी चाहिये. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में वे हर तरह से अपनी ड्यूटी निभाएंगी.