देहरादून: टिहरी बॉर्डर पर आरटी-पीसीआर जांच का फर्जीवाड़ा चलता रहा और स्वास्थ्य विभाग इस गड़बड़ी के बीच कुंभकर्णी नींद सोया रहा. यह मामला पिछले दिनों क्षेत्रीय विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने औचक निरीक्षण के दौरान खोला. चौंकाने वाली बात यह है कि इन फर्जी रिपोर्ट को देने वाली लैब पर अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई है. इससे भी हैरानी की बात यह है कि इतना बड़ा मामला सामने आने के बाद भी सीएमओ टिहरी लापरवाह बनी हुई हैं.
जब लोग कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे, तब राज्य सरकार संक्रमण से राहत के लिए नियम-कानून बना रही थी. जब इसकी जांच की बारी आई तब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी गहरी नींद में सो गये. फर्जी RT-PCR रिपोर्ट के आधार पर लोगों को निगेटिव रिपोर्ट दी जा रही थी. न तो स्वास्थ्य विभाग इस बात को जांचने के लिए तत्पर था और न ही बॉर्डर पर कोई ऐसे फर्जीवाड़ों को पकड़ने के लिए मौजूद रहा.
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जब कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने औचक निरीक्षण कर रैंडम चेकिंग की तो फर्जी RT-PCR रिपोर्ट का खुलासा हुआ. हैरानी की बात यह है कि इस मामले के कई दिनों बाद भी अब तक सीएमओ टिहरी मामले पर बचने की कोशिश करती दिखाई दे रही हैं. सीएमओ से जब ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की तो पता चला कि उन्होंने न तो अब तक इस लैब पर कोई कार्रवाई नहीं की है. न ही इस पर कार्रवाई को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय को लिखित रूप में कुछ भेजा है.