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त्रिवेंद्र सरकार के बजट से शिक्षकों को काफी उम्मीद, सुविधाओं पर दिया जोर - शिक्षकों को उत्तराखंड बजट से उम्मीदे

पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में आज भी छात्रों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इसीलिए शिक्षकों को उम्मीद है कि अपने आखिरी बजट में त्रिवेंद्र सरकार ऐसे इलाकों में शिक्षा का स्तर सुधराने के लिए कुछ नया करेगी.

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Published : Mar 3, 2021, 4:07 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 4:31 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चार मार्च को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में अपनी सरकार का आखिरी बजट पेश करेंगे. अगले साल उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव भी होना है. ऐसे में लोगों को इस बजट से काफी उम्मीद है. बात शिक्षकों की करें तो प्रदेश के शिक्षक भी त्रिवेंद्र सरकार के बजट से कई उम्मीदें लगाए हुए हैं.

शिक्षकों को बजट से है बहुत उम्मीद.

विषम भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से आज भी प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में शिक्षा के स्तर में बहुत अधिक सुधार नहीं हो सका है. ऐसा नहीं है कि प्रदेश में स्कूल और कॉलेजों की कोई कमी है, लेकिन बात आधुनिक व्यवस्थाओं की करें तो आज भी प्रदेश के विभिन्न दूरस्थ इलाकों के स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के लिए व्यवस्थाएं बहुत बेहतर नहीं हो सकी हैं.

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ऐसे में शिक्षक चाहते हैं कि इस बार त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का बजट पूरी तरह से शिक्षा पर केंद्रित हो, जिससे प्रदेश के युवाओं को बेहतर शिक्षा के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े. ईटीवी भारत से बात करते हुए शिक्षकों ने बेबाकी से बजट पर अपनी राय रखी.

राजधानी देहरादून के शिक्षक शुभम रविंद्र नौटियाल के अनुसार बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में शिक्षा पर काफी कम बजट खर्च किया जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार जीडीपी का 6 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में खर्च होना चाहिए. शिक्षक चाहते हैं कि इस बार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए एक अच्छा बजट लेकर आए. जिससे प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों की स्थिति में और अधिक सुधार हो सके.

शिक्षिका अंजना वाही की मानें तो पिछले साल लॉकडाउन होने के बाद से ही छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. जिसकी प्रमुख वजह यह है कि प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भी नेटवर्क की बेहतर व्यवस्था नहीं हो सकी है. ऐसे में सरकार को अपने बजट में इस बात का भी प्रावधान करना चाहिए कि प्रदेश के दूरस्थ पहाड़ी इलाकों में नेटवर्किंग बेहतर हो सके. ताकि आने वाले समय में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में कोई दिक्कत पेश न आए.

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इसके अलावा शिक्षक बजट से यह भी उम्मीद रखते हैं कि सरकार प्रदेश के दूरस्थ पहाड़ी इलाकों का ख्याल रखते हुए बजट में स्कूली बच्चों के लिए सरकारी वैन की सुविधा शुरू करने का प्रावधान करे. जिससे पहाड़ के बच्चों को अपने स्कूल तक पहुंचने के लिए पैदल कई किलोमीटर का सफर न करना पड़े. बहरहाल त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के बजट से शिक्षकों के साथ ही आम जनता को उम्मीदें तो कई हैं, लेकिन यह बजट जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाता है यह तो बजट पेश होने के बाद ही साफ हो पाएगा.

Last Updated : Mar 3, 2021, 4:31 PM IST

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