देहरादून:उत्तराखंड की गिनती देश के शांत राज्यों में की जाती है. इसके बावजूद यह भी सच है कि राज्य में आपराधिक घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है. अपराध के बढ़ते मामले प्रदेश की छवि को क्षति पहुंचाने का काम कर रही है. देवभूमि कहे जाने वाले प्रदेश में हत्या, दुष्कर्म, चोरी व लूट के मामले अब लगभग हर दिन सामने आ रहे हैं. आपराधिक घटनाएं प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रही हैं. जिससे लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है. ऐसे में अब उत्तराखंड में कुछ इलाके आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए जाने जा रहे हैं. जिनमें राजधानी का Tea Estate भी शुमार है.
हम बात कर रहे है उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की. देहरादून का टी-स्टेट (Tea Estate) आपराधिक वारदातों के लिए हमेशा ही चर्चाओं में बना रहता है. टी-स्टेट के अंदर फैले सैकड़ों किलोमीटर तक के जंगल में अपराधी हत्या, रेप, छेड़छाड़, ठगी, लूट आदि जैसी घटनाओं को अंजाम देते आए है. राज्य गठन के बाद इस क्षेत्र के चारों ओर घनी आबादी बसने के बावजूद भी साल दर साल टी-स्टेट में गंभीर वारदातों में बढ़ोत्तरी देखी गई है. हालांकि, मीलों तक फैले इस टी-स्टेट में आपराधिक घटनाएं राज्य गठन के पहले से घट रही हैं.
टी-स्टेट में हुए कुछ मुख्य अपराध
आपराधिक घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि देहरादून के आईटीबीपी सीमाद्वार से लगभग 32 किलोमीटर विकासनगर पछवादून तक फैला टी-स्टेट दशकों से सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील इलाका बना हुआ है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन द्वारा इस टी-स्टेट को सुरक्षित करने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.
ऐसे में देहरादून का यह टी-स्टेट में लंबे अर्से से हत्या, बलात्कार, मर्डर, शव को फेंकने और जानलेवा हमला सहित खुदकुशी जैसे घटनाओं को अंजाम देता आया है. इतना ही नहीं इस टी-स्टेट के चारों तरफ बसे रिहायशी और कैंट बाजार वाले इलाकों में हत्या, डकैती, अपहरण, नशा तस्करी, लूट, आर्म्स एक्ट और चोरी व जुआ जैसे अन्य संगीन घटनाओं को कारित कर भी अपराधी इसी टी-स्टेट के जंगलों में घुसकर पुलिस की आँखों से ओझल हो जाते आये हैं.