ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश के स्वर्ण जयंती सभागार में राष्ट्रीय वायु सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत नीला आकाश नामक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रति जागरूक करना रहा. कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए महापौर अनिता मंमगाई ने कहा कि मध्यप्रदेश के इंदौर नगर को स्वच्छता में ए स्टार रैंक प्राप्त हुआ है, जिसमें वहां के नागरिकों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है. हम प्रदेश में प्रथम स्थान पर आने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.
ऋषिकेश में प्रदूषण को लेकर मंथन, कमी लाने के लिए लक्ष्य किया निर्धारित
वायुमंडल में प्रदूषण दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है, जो खतरनाक स्टेज पर पहुंचता जा रहा है. वहीं प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार भी लगातार कार्य कर रही है. जिससे समय रहते वायु प्रदूषण को कम किया जा सके. इसी कड़ी में तीर्थनगरी ऋषिकेश में वायु प्रदूषण को लेकर मंथन हुआ, जिसमें साल 2026 तक वायुमंडल में प्रदूषण में कमी लाने के लक्ष्य रखा गया.
इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्रशांत राय व दून विश्वविद्यालय के पर्यावरण सलाहकार डॉ. विजय श्रीधर ने कहा कि किस प्रकार ऋषिकेश में विभिन्न विभागों के सहयोग से नगर निगम की वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है. उन्होंने कहा नगर निगम ऋषिकेश देश के कुल एक सौ इकत्तीस शहरों में से उन सोलह शहरों की सूची में शामिल हुआ है, जिनकी वायु की गुणवत्ता में अत्यधिक सुधार हुआ है. इस अवसर पर जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण सचेतक विनोद जुगलान ने कार्यशाला में उपस्थित सभी को पर्यावरण के अनुकूल जीवन जीने की शपथ दिलाई.
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उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिखाते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण का पुनीत कार्य सामूहिक प्रयासों से ही सफल हो सकता है. कोई भी सरकारी योजना जनसहयोग के बिना सफल नहीं हो सकती है. हमें मिल-जुलकर प्रयास करने होंगे. लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान से जुड़े वरिष्ठ पर्यावरण कार्यकर्ता श्याम लाल ने महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण परक रोजगार सृजन का सुझाव दिया. इस अवसर पर मण्डलीय यातायात कार्यालय के कर अधिकारी अनिल कुमार ने विभाग की ओर से वायु प्रदूषण के नियंत्रण के प्रयासों की जानकारी दी.