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रमजान: शुरुआती हफ्ते का रोजा लॉकडाउन में होगा, घर में नमाज पढ़ने की अपील - Ramadan 2020

मुस्लिम धर्मगुरु ने लॉकडाउन के मद्देनजर लोगों से तरावीह की नमाज पढ़ने से लेकर बाकी इबादत भी अपने-अपने घरों से करने की अपील की है.

Ramadan 2020
घर में नमाज पढ़ने की अपील

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Published : Apr 21, 2020, 10:07 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 10:50 AM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मस्जिदें पूरी तरह से बंद हैं. मुसलमानों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल मक्का और मदीना तक बंद है.

शुरुआती हफ्ते का रोजा लॉकडाउन में होगा

कोरोना वायरस से फैली महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन में सभी धार्मिक स्थल बंद हैं. ऐसे में मुसलमानों का पवित्र पर्व रमजान 25 अप्रैल से शुरू हो रहा है. मुसलमानों को लॉकडाउन के बीच कम से कम एक सप्ताह रोजा रखना होगा. संकट की घड़ी में जामा मस्जिद के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने सभी लोगों से अपील की है कि तरावीह की नमाज पढ़ने से लेकर बाकी इबादतें अपने-अपने घरों में करें और देश की खुशहाली के लिए दुआ करें.

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मुस्लिम समुदाय ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आग्रह किया है कि जिन मुस्लिम भाइयों को क्वारंटाइन सेंटर्स में रखा गया है. उन्हें होम क्वारंटाइन कर दिया जाए, ताकि वे अपने परिवारों के साथ रमजान मना सकें. जामा मस्जिद के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी के मुताबिक रजमान का पाक माह खुदा का है. रमजान की विशेष नमाज तरावीह घरों में ही रहकर अदा की जाए. साथ ही मुस्लिमों से जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन भी करने को कहा है.

रमजान में रोजे का महत्व

मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग पूरे एक महीने खुदा की इबादत करते हैं. मुसलमान दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं. कुरान की तिलावत और दिन में रोजा रखते हैं. तड़के सहरी और शाम को सूरज ढलने के बाद इफ्तार करते हैं. इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान में तरावीह की विशेष नमाज को सामूहिक रूप अदा करते हैं.

मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह से प्रेम जाहिर करते हैं. सिर्फ भूखे प्यासे रहकर ही नेमत नहीं मिल सकती, इस महीने बुरे कर्मों से दूर रहना जरूरी होता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि रोजे के दौरान कोई रोजेदार बुरा कार्य करता है तो उसे आम दिनों के बदले अधिक दंड मिलता है. साथ ही इस महीने कोई रोजेदार अच्छा काम करता है तो कई गुना अधिक फल मिलता है.

Last Updated : Apr 22, 2020, 10:50 AM IST

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