देहरादून: दुनिया भर में वैश्विक महामारी के रूप में आतंक मचा रहे कोरोना से निजात पाने के लिए सभी देश दिन रात लगे हुए हैं. दुनिया भर में इस महामारी को इतिहास की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. जानलेवा कोरोना संक्रमण से निजात पाने की लड़ाई में स्वास्थ्य और पुलिस कर्मी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
पुलिस और स्वास्थ्य कर्मी लगातार संवेदनशील स्थानों पर अपनी जान जोखिम में डालकर मोर्चे पर डटे हुए है. लगभग महीने भर से कोरोना महामारी से 24 घंटे लड़ रही उत्तराखंड पुलिस के अनुभवों और कठिनाइयों को लेकर ईटीवी भारत ने प्रदेश के डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत की.
संकट की घड़ी में पुलिस के कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी
डीजी लॉ एंड ऑर्डर की मानें तो इस वैश्विक महामारी में पुलिस दोहरी भूमिका और जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है. विकट संकट के इस दौर में पुलिस को ऐसी भूमिका में काम करना पड़ रहा है जिसका अगला कदम क्या होगा इसका कोई भी अंदाजा भी नहीं लगा सकता. इस वक्त पुलिस के कंधों पर न सिर्फ जनहित बल्कि लॉकडाउन की भी जिम्मेदारी है. साथ ही इस कठिन दौर में रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे मजदूर, असहाय, गरीब व जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाना भी पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी है.
पढ़ें-अहमदाबाद नया हॉट स्पॉट, मई के अंत तक हो सकते हैं 8 लाख कोरोना संक्रमित केस