उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

कैलाश खेर ने परमार्थ निकेतन के कार्यक्रम में की शिरकत, बोले- गंगा की वजह से आई संगीत में दिव्यता

कैलाश खेर ने परमार्थ निकेतन के कार्यक्रम में की शिरकत, बोले- गंगा तट की वजह से आई संगीत में दिव्यता

By

Published : Nov 29, 2019, 7:21 AM IST

swami-chidanand-saraswati-and-kailash-kher-arrive-in-rishikesh-to-be-part-of-the-creating-the-best-version-of-themselves-program.
’स्वयं का सबसे अच्छा संस्करण बनाना’ कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद सरस्वती और कैलाश खेर ने की शिरकत.

ऋषिकेश:परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर ने फिक्की फ्लो द्वारा आयोजित ’स्वयं का सबसे अच्छा संस्करण बनाना’ कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान चेयरपर्सन फिक्की फ्लो रितु प्रकाश छाबड़िया ने उनका जोरदार स्वागत किया. साथ कहा कि हमारी टीम महिलाओं, कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है. साथ ही हम उद्यमी और पेशेवर महिलाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य कर रहे हैं.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि व्यक्ति समाज को जो देता है, वहीं उसका बेस्ट है. सौ हाथों से कमाओं और हजार हाथों से बांटों यही बेस्ट है. केवल अपने लिये ही जीना, जीवन का उत्तम भाग नहीं है. समाज के लिये जीना ही श्रेष्ठ है. जो लोग समाज के लिए जीते हैं वहीं लोग अमर होते हैं. साथ ही कार्यक्रम में मौजुद लोगों से उन्होंने कहा कि अपने जीवन का ऐसा लक्ष्य बनाएं, जिससे जीवन रामायण और गीता बन जाए. उन्होंने कहा रामायण और गीता के पवित्र ग्रंथ और उनके दिव्य संदेश किसी और के लिये नहीं बल्कि हमारे जीवन के लिए ही हैं.

भारत का दर्शन अद्भुत है, अपार दिव्य ग्रंथ है, हमारे पास है. लेकिन कहीं ऐसा न हो कि हमारे जीवन का कागज कोरा ही रह जाए. अतः ग्रंथ पढ़े और उन्हें आत्मसात भी करें. एक बात हमेशा याद रखें कि मेरे विचार और मेरे कर्म ही मेरे जीवन का निर्माण करते हैं. हमारी जो सोच होगी वैसे ही हमारे कर्म होंगे और हमारा व्यवहार होगा इसलिये सोच को बदले तो सृष्टि बदलेगी और सोच से ही सर्वस्व बदलता है. हमारा एक-एक कर्म केवल हमें ही जीवन नहीं देता बल्कि हमारे प्रत्येक कर्म से किसी का दिल बदलता है. किसी का दिन बदलता है, तो किसी का जीवन बदलता है. ऐसा जीवन ही उपयोगी बनता है.

ये भी पढ़े:ऋषिकेश: कोरियन कंपनी के साथ मिलकर तीर्थनगरी को स्वच्छ बनाएगा नगर निगम

वहीं सूफी गायक कैलाश खेर ने बताया कि वे, आज जो भी हैं वह स्वामी चिदानंद, परमार्थ निकेतन और ऋषिकेश की वजह से हूं और उनके जीवन में जो संगीत आया है. मेरे संगीत में जो दिव्यता, आनंद और मस्ती आई है, उसमें गंगा तट का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होनें कहा कि उनका प्रयास है कि उनके इस जीवन और संगीत से समाज के लिये कुछ ऐसा हो, जो लोगों के जीवन को संगीतमय बनाए और सभी को गले लगाने का मंत्र दें. बात चाहे स्वच्छता की हो या फिर संगीत की उनका जीवन हमेशा इसके लिये समर्पित रहेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details