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सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा सूरज त्राटक का 'ठाकुर बामन' गाना, ईरानी आर्टिस्ट के साथ गाए गीत की जानें वजह

Thakur Baman song of Suraj Tratak उत्तराखंड के पहले पहाड़ी रैप सिंगर सूरज त्राटक का 'ठाकुर बामन गाना' इन दोनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. गाने के जरिए ब्राह्मण और क्षत्रिय रीति रिवाज के साथ-साथ शादियों को लेकर चली आ रही भ्रांति पर कड़ा प्रहार किया गया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 31, 2023, 3:36 PM IST

Updated : Oct 31, 2023, 7:00 PM IST

सूरज त्राटक का "ठाकुर बामन" गाने की सोशल मीडिया पर धूम

देहरादून: गढ़वाली रैपर सूरज त्राटक का 'ठाकुर बामन गाना' इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब सूर्खियां बटोर रहा है. दरअसल गाने में पहाड़ों पर होने वाले ठाकुर और ब्राह्मण के जातिवाद को लेकर कड़ा प्रहार किया गया है. खासतौर से ठाकुर, क्षत्रिय और ब्राह्मणों में विवाह संबंध न बनने को लेकर इस गाने में कटाक्ष किया गया है.

ठाकुर बामन सॉन्ग पर मिली जुली प्रतिक्रिया:उत्तराखंड के पहले पहाड़ी रैप सिंगर सूरज त्राटक के 'ठाकुर बामन गाने' पर लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. इस गाने के वायरल होने और इस पर तमाम तरह की प्रतिक्रिया आने की वजह गाने में किए गए जातिवाद पर कटाक्ष है. दरअसल सूरज त्राटक ने इस गाने में ब्राह्मण और क्षत्रिय रीति रिवाज के साथ-साथ शादियों को लेकर चली आ रही भ्रांति पर प्रहार करते हुए दिखाया है कि आज जातिवाद की इन प्रथाओं के चलते युवाओं के दिल टूट रहे हैं, जबकि ऐसी प्रथाएं, जिनका आज के व्यावहारिक जीवन से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें आज भी पहाड़ ढोए जा रहा है.

2017 में सूरज त्राटक ने लिखा था गाना:गढ़वाली रैपर सूरज त्राटक ने बताया कि उन्होंने इस गाने को 2017 में लिखा था और वह अलग-अलग मंचों पर इस गाने को गाया करते थे और अब उन्होंने इसे ऑफिशियल एलबम के रूप में निकला है. जिस पर लोगों का जमकर रिस्पांस देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं, लेकिन वह आज के व्यावहारिक जीवन और समानता को देखते हुए समझते हैं कि आज इस तरह की भ्रांतियां केवल समाज को बांटने का काम करती हैं.

सूरज ने खुद का उदाहरण देकर कायम की मिशाल:सूरज त्राटक का असली नाम सूरज रावत है. इसी साल उन्होंने कुमाऊंनी ब्राह्मण लड़की खुशी गहतियारी से शादी की है. उन्होंने कहा कि उन्होंने समाज को संदेश देने से पहले खुद अपने घर से इसकी शुरुआत की है. आज कहीं ना कहीं जातिवाद पहाड़ों में युवाओं को बेहद निराश कर रहा है, क्योंकि लड़का और लड़की दोनों राजी हैं और उनके घर वालों को भी कोई खास समस्या नहीं है, लेकिन लोग समाज से डर रहे हैं.

एलबम में दो देशों के क्षेत्रीय कलाकार:सूरज नाटक ने बताया कि इंटरनेशनल पहाड़ी एलबम एक नया प्रयास है. जिसमें उन्होंने पहली बार उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विदेशी सिंगर के साथ गाया है. साथ ही इसमें उनका पहला इंटरनेशनल कोलैबोरेशन है, जो कि उत्तराखंड का भी पहला इंटरनेशनल कोलैबोरेशन है. उन्होंने बताया कि उन्होंने ईरान के एक पर्शियन आर्टिस्ट के साथ इस गाने को गाया गया है, जिनका नाम नावेद नुसरत्ती है.

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एलबम में सूरज त्राटक ने हिमालय और उत्तराखंड की कही बात:उत्तराखंड के सूरज त्राटक और ईरान के पर्शियन आर्टिस्ट ने यह फैसला लिया कि अपने- अपने क्षेत्रीय विषयों पर गाना गाते हुए इस गाने को तैयार करेंगे. जिसमें सूरज त्राटक ने हिमालय और उत्तराखंड की बात की है. वहीं पर्शियन आर्टिस्ट ने अपनी पर्शियन कम्युनिटी में मौजूद समस्याओं का जिक्र किया है और इस तरह से इस पूरे गाने को कंपोज भी एक तीसरे देश जमैका में किया जा रहा है और इस तरह से यहां पहाड़ी इंटरनेशनल एलबम तीन देशों के आर्टिस्ट का एक कोलैबोरेशन है.

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Last Updated : Oct 31, 2023, 7:00 PM IST

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