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Sunday Surya Puja: रविवार को इस विधि से करें भगवान सूर्य की उपासना, मनोरथ होंगे पूर्ण - Surya Puja Vidhi

रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है. रविवार के दिन भगवान सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना और व्रत किया(know the tips and mantra to perform Surya Puja) जाता है. जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और तरक्की पाने के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है.

Ravivar Bhakti
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Published : Mar 13, 2022, 8:22 AM IST

देहरादून/जयपुर: सनातन धर्म में सूर्य देव प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिनकी पूजा वैदिक काल से की जा रही है. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है. रविवार के दिन भगवान सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है. रविवार के दिन विशेष रूप से सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य (know the tips and mantra to perform Surya Puja) देना चाहिए.

कहा जाता है कि सूर्य देव एक ऐसे देवता हैं, जिनके हम हर दिन साक्षात दर्शन करते हैं. ऐसे में रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ और फलदायी माना जाता है. मान्यता के अनुसार रविवार का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इसके साथ ही उसे हर काम में सफलता प्राप्त होती है.

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जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और तरक्की पाने के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है. मान्यता के अनुसार सूर्य देव का व्रत एक साल, 30 रविवार या फिर 12 रविवार तक करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

सूर्यदेव की पूजा और रविवार व्रत की विधि (Surya Puja Vidhi): सूर्योदय से पहले उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त हो जाएं. स्नान करके साफ लाल रंग के वस्त्र पहनें. इस दिन लाल वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है. पूजा घर में एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं. सूर्य नारायण की स्वर्ण निर्मित मूर्ति या चित्र रखें. इसके बाद विधि-विधान से सूर्यनारायण को स्नान कराकर सुगंध और पुष्प अर्पित करें.

ये पढ़ें मंत्र (Surya Dev Mantra): पूजा के दौरान 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' मंत्र का 3, 5 या फिर 12 बार माला से जाप करें. अब धूप दीप लगा कर सूर्यदेव की आरती करें. जप करने के बाद तांबे के कलश में शुद्ध जल, लाल चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दूर्वा से सूर्य देव को अर्घ्य दें. ख्याल रखें कि रविवार के दिन बिना नमक का भोजन ग्रहण करने का विधान है. ध्यान रखें कि रविवार के दिन सात्विक भोजन या फलाहार करें, जैसे- गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी का सेवन कर सकते हैं.

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