देहरादून: उत्तराखंड में लॉकडाउन के दौरान भले ही हत्या, लूट, डकैती व अपहरण जैसे अपराधिक घटनाओं में कमी दर्ज की गई हो, लेकिन इस दौरान आत्महत्या के मामलों में भारी इजाफा देखने को मिला. मार्च माह से लेकर 30 जून 2020 तक के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 4 महीनों में राज्य भर में 230 से अधिक लोगों ने खुदकुशी की. यह आंकड़ा विगत वर्षों के शुरूआती 4 महीनों के आंकड़ों से कई ज्यादा है.
लॉकडाउन में बढ़े आत्महत्या के मामले जून माह में रिकॉर्ड लोगों ने की आत्महत्या
वहीं, राजधानी देहरादून की बात करें तो यहां मात्र जून महीने में 38 लोगों ने अलग-अलग कारणों से तनाव में आकर आत्महत्या की. अधिकांश खुदकुशी करने वालों में 16 से 40 आयु वर्ग के लोग हैं. ऐसे में तेजी से बढ़ते आत्महत्या की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए अब देहरादून पुलिस योजनाबद्ध तरीके से काम करेगी. इसके लिए विशेषज्ञों की टीम पीड़ित व्यक्तियों की काउंसलिंग कर समस्या का निराकरण करने का प्रयास करेगी.
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डिप्रेशन के मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
दून पुलिस के मुताबिक किसी भी कारण से तनाव व डिप्रेशन और अन्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए 'कोविड कंट्रोल रूम' का कॉल सेंटर नंबर 0135-2722100 जारी किया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर कोई भी पीड़ित व्यक्ति या परिजन फोन कर अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए मदद मांग सकता है. पुलिस संबंधित चिकित्सकों की टीम से पीड़ितों की समस्या का काउंसलिंग कर निराकरण कराने का प्रयास करेगी. जानकारों के मुताबिक देहरादून में अधिकांश आत्महत्या के पीछे नशा, प्रेम प्रसंग, आर्थिक तंगी, गृह क्लेश, जमीन-जायदाद विवाद वजह रही है.
पुलिस व विशेषज्ञों की टीम करेगी पीड़ित की मदद: डीआईजी
मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने भी माना कि विगत वर्षों की तुलना में हाल के महीनों में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में खुदकुशी रोकने की दिशा में सदर सर्कल ऑफिसर अनुज कुमार द्वारा इस विषय में विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है. जो भी लोग किसी भी कारण से परेशान और तनावपूर्ण समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनको किस तरह से मदद मुहैया कराई जाए, इसके लिए पुलिस और मनोचिकित्सक, डॉक्टर व अन्य विशेषज्ञों की टीम मिलकर पीड़ितों की मदद करने का प्रयास करेगी. ऐसे में 24 घंटे काम करने वाले कोविड-19 कंट्रोल रूम वाले नंबर के अलावा संबंधित अधिकारी को भी पीड़ित व्यक्ति के माता-पिता, परिजनों सहित आस-पड़ोस के लोग फोन कर संबंधित शख्स के बारे में बता सकते हैं. ताकि, किसी भी कारण से तनाव में रहने वाले व्यक्ति की टीम द्वारा काउंसलिंग कर मदद की जा सके.