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संकट में 'अन्नदाता': खेत में खड़ा गन्ना कटा नहीं, सताने लगी बुआई की चिंता, 'ऊपरवाला' भी दे रहा दगा

खेतों में गेंहू और सरसों की फसल कटने को तैयार है, लेकिन बदलते मौसम ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है.

संकट में किसान.

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Published : Mar 28, 2019, 10:23 PM IST

हरिद्वार: किसानों के हितों की बात करने वाली बीजेपी सरकार में गन्ना किसान कितना परेशान हैं, इसका उदाहरण लक्सर क्षेत्र में देखने को मिल सकता है. एक तरफ गन्ने की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है. वहीं शुगर मिल से पर्ची नहीं मिलने के कारण पिछले साल का गन्ना अभीतक खेतों में ही खड़ा है. उधर बदलते मौसम ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है.

संकट में किसान.

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कभी मौसम तो कभी सरकार की बेरुखी ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसान पूरे साल मेहनत करके खेतों में अपनी फसल बोता है, ताकि साल के अंत में उसे मेहताना मिल सके और वो अपनी जरूरतें पूरा कर सके. लेकिन लक्सर क्षेत्र में किसानों की इस मेहनत पर मौसम की नजर लग गई है. क्योंकि खेतों में गेंहू और सरसों की फसल कटने को तैयार है, लेकिन बदलते मौसम ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है.

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किसानों को डर है कि इस बार भी जिस तरह का मौसम बना हुआ वो तैयार फसल को बर्बाद कर देगा. इलाके के एक किसान का कहना है कि पिछले साल लक्सर क्षेत्र में आई बाढ़ ने उनकी पूरी फसल बर्बाद कर दी थी. पिछले साल बुआई के दौरान गन्ने की फसल में बीमारी को देखते हुए कीटनाशकों का प्रयोग किया गया था. जिससे गन्ना बुआई का खर्च काफी बढ़ गया था. किसानों को उम्मीद थी कि समय से गन्ना मिल में पहुंचाकर उन्हें पेमेंट मिल जाएगी और वो अपना खर्चा निकाल लेंगे, लेकिन मिल ने कई किसानों को अभीतक पर्ची ही नहीं भेजी है. जिस कारण उनका गन्ना खेतों में ही खड़ा है. वहीं गन्ने की बुआई भी शुरू हो गई है.

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