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नई उद्यम नीति में चार श्रेणी के तहत मिलेगी सब्सिडी, प्रदेश में 50 क्लस्टर किए जाएंगे विकसित - Uttarakhand New Enterprise Policy

उत्तराखंड में नई उद्यम नीति के तहत उद्यमियों को अधिक सब्सिडी दी जाएगी. जिससे उत्तराखंड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा मिलेगा. योजना के तहत एससी, एसटी, महिला, दिव्यांग के स्वामित्व वाली इकाईयों को 5 फीसदी अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी.

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Published : Aug 4, 2023, 10:20 AM IST

नई उद्यम नीति में बढ़ाई गई सब्सिडी

देहरादून:उत्तराखंड राज्य में एमएसएमई इकाइयों को स्थापित कर रोजगार और निवेश को बढ़ावा दिए जाने के लिए धामी कैबिनेट ने नई उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति, 2023 को मंजूरी दे दी है. हालांकि, इस नई उद्यम नीति में चार श्रेणियां बनाई गई हैं. जिसके तहत प्रदेश में उद्योग लगाने पर अधिक सब्सिडी दी जाएगी.जबकि उद्यम नीति 2015 में पांच श्रेणियां बनाई गई थी, लेकिन सब्सिडी का प्रावधान कम था.

दरअसल, साल 2015 में उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति को लागू किया गया था. लेकिन इस उद्यम नीति 2015 की वैधता मार्च 2023 में समाप्त हो गई. ऐसे में एमएसएमई क्षेत्र के समावेशी विकास, अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के मद्देनजर, मौजूदा स्थिति और संभावित भविष्य के अनुसार रोजगार सृजन और स्वरोजगार के लिए राज्य सरकार ने नई उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति-2023 लेकर आई है.

एमएसएमई क्षेत्र में विशेष और औद्योगिक रूप से पिछड़े पर्वतीय जिलों में बुनियादी ढांचे, क्रेडिट लिंकेज, मार्केटिंग की समस्या के समाधान, अन्य पड़ोसी राज्यों से हेल्दी कंपटीशन और एमएसएमई क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है. जिसको देखते हुए एमएसएमई क्षेत्र के समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए और अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए ही सरकार ने नई उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति-2023 को प्रस्तावित किये जाने के लिए मंत्रिमंडल ने सहमति दे दी है.

उद्यम नीति के मुख्य बिंदु

  • उद्योगों को सब्सिडी देने के लिए प्रदेश के जिलों को एमएसएमई नीति, 2023 में चार श्रेणियों ए, बी, सी, डी में बांटा गया है.
  • नई उद्यम नीति के वैधता समाप्ति तक प्रदेश में 50 क्लस्टर विकसित किए जाएंगे.
  • श्रेणी-ए के जिलों के लिए 50 लाख से 4 करोड़ रुपए, श्रेणी-बी के लिए 40 लाख से 3 करोड़ रुपए, श्रेणी–सी के लिए 30 लाख से 2.00 करोड़ रुपए, श्रेणी-डी के लिए 20 लाख से 1.50 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी.
  • नीति के तहत प्राथमिकता श्रेणी और अति-प्राथमिकता श्रेणी के मैन्युफैक्चर उद्यम के रूप में चिन्हित उद्यमों पर 5 से10 फीसदी अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी.
  • नई इकाई और न्यूनतम 7 सहायक (Ancillary) इकाईयों के साथ ही एससी, एसटी, महिला, दिव्यांग के स्वामित्व वाली इकाईयों को 5 फीसदी अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी.

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