देहरादून: उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ कैसे मिले, इसको लेकर मंत्रिमंडलीय सब कमेटी की पहली बैठक हुई. इस बैठक में कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल मौजूद रहे. कमेटी की इस पहली बैठक में राज्य आंदोलनकारियों से भी उनके सुझाव लिए गए.
State Agitators Demand: आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण पर सब कमेटी ने किया मंथन, सुझावों पर होगा अमल - state agitators
क्षैतिज आरक्षण के मामले पर राज्य आंदोलनकारी मुखर हैं. राज्य आंदोलनकारी की मांग को लेकर सरकार भी गंभीर दिखाई दे रही है. मंत्रिमंडलीय सब कमेटी में राज्य आंदोलनकारियों की समस्याओं को सुना गया और निस्तारण का आश्वासन दिया गया.
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आंदोलनकारियों से लिए सुझाव:उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिए जाने पर हाईकोर्ट की रोक के बाद से ही आंदोलनकारी इस पर कानून लाने की मांग करते रहे हैं. इसी को देखते हुए धामी सरकार ने इस पर एक सब कमेटी गठित की है. जिसमें अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल कर रहे हैं तो इसके अलावा कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास और सौरभ बहुगुणा भी इस कमेटी में शामिल हैं. खास बात यह है कि इस सब कमेटी की बीते दिन विधानसभा में पहली बैठक आहूत की गई. जिसमें कुछ राज्य आंदोलनकारी पहुंचे और उन्होंने अपने सुझाव सब कमेटी को दिए.
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हाईकोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण पर लगाई रोक:बता दें कि हाईकोर्ट में दो हजार अट्ठारह में सरकारी नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण पर रोक लगा दी थी और इससे जुड़े जिओ और नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया था. वैसे हरीश रावत सरकार ने इस पर कानून लाने के लिए इससे जुड़ा विधेयक राजभवन भेजा था. लेकिन राजभवन से इसे हरी झंडी नहीं मिल पाई. ऐसे में धामी सरकार ने इस पर पहल करते हुए सब कमेटी बनाकर इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी है. वहीं राज्य में करीब 12000 चिन्हित आंदोलनकारी हैं, इसमें राज्य स्थापना के बाद 7 दिन से अधिक जेल रहने और घायल होने वाले आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में मौका दिया गया था. जबकि बाकी आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण दिया जा रहा था, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर 2018 में रोक लगा दी थी.