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उत्तराखंड वन विभाग की गुलदार पर स्टडी, सच्चाई जानकार आप भी हो जाएंगे हैरान - गुलदार पर स्टडी

उत्तराखंड वन विभाग ने पहली बार गुलदार पर स्टडी की है, जिसमें हुए खुलासे ने वन विभाग के अधिकारियों को भी हैरत में डाल दिया है. गुलदार हर दिन 40 किलोमीटर तक अपने भोजन के लिए सफर करते हैं. साथ ही गुलदार गंगा नदी तक को भी तैरकर पार करते हैं.

Dehradun Leopard News
देहरादून गुलदार स्टडी

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Published : Nov 15, 2020, 7:45 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 3:50 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड वन विभाग गुलदार के अध्ययन से हैरत में पड़ गया है. दरअसल, गुलदार की गतिविधियों को लेकर कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जो इससे पहले वन विभाग ने कभी अनुभव नहीं किए थे. जैसे मसलन गुलदार का हर दिन 40 किलोमीटर तक चलना और मानव बस्तियों के आसपास रहने समेत गंगा नदी तक को तैर कर पार करना.

उत्तराखंड वन विभाग की गुलदार पर स्टडी.

आप अंदाजा लगाइए कि उत्तराखंड में इंसानी बस्तियों के लिए खौफ का पर्याय बने गुलदार हर दिन 40 किलोमीटर तक अपने भोजन के लिए सफर करते हैं. यही नहीं गुलदारों के लिए नदियां भी रोड़ा नहीं बनती. दरअसल, गुलदार गंगा नदी तक को तैरकर पार कर सकते हैं.

उधर, गुलदार की पसंद इंसानी बस्तियां ही है, जिसके आसपास रहकर वह अपने खाने की तलाश को पूरा करते हैं. बता दें, गुलदार को लेकर हाल ही में वन विभाग ने अध्ययन करने के लिहाज से एक गुलदार पर रेडियो कॉलर लगाया था, ताकि गुलदारों की गतिविधियों को समझा जा सके.

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इसी को लेकर जब रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि गुलदार अपने भोजन की तलाश में हर दिन 40 किलोमीटर तक का सफर करते ही हैं, साथ ही गंगा नदी में तैर कर पार करते हुए भी पाया गया है, जबकि अपनी भोजन की तलाश के लिए गुलदार अधिकतर मानव बस्तियों के आस-पास में ही रहकर शिकार करते हैं. यह सभी व खुलासे हैं जिसे देखकर वन महकमा भी हैरत में हैं. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग ने ईटीवी भारत को बताया कि गुलदार का विभाग की तरफ से अध्ययन किया जा रहा है, इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य आए हैं.

Last Updated : Nov 18, 2020, 3:50 PM IST

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