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बोर्ड में फेल हो चुके छात्रों को अटल आदर्श विद्यालय में नहीं मिल रहा प्रवेश, गहराया संकट - Students who have failed in the board are not getting admission in Atal Adarsh Vidyalaya

उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में दसवीं और बारहवीं कक्षा में फेल हुए छात्र-छात्राओं के सामने अपने भविष्य को लेकर बड़ा संकट गहरा गया है. नये सत्र में इन बच्चों को स्कूल में एडमिशन नहीं मिल रहा है. जिसके कारण इनके भविष्य पर संकट छाया हुआ है.

Students who have failed in the board are not getting admission in Atal Adarsh Vidyalaya
बोर्ड में फेल हो चुके छात्रों को अटल आदर्श विद्यालय में नहीं मिल रहा प्रवेश

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Published : Jun 20, 2022, 7:52 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में दसवीं और बारहवीं कक्षा में फेल हुए छात्र-छात्राओं के सामने अपने भविष्य को लेकर बड़ा संकट गहरा गया है. यह संकट अन्य सरकारी विद्यालयों नहीं बल्कि प्रदेश के अटल आदर्श विद्यालयों में खड़ा हो रहा है. अब इस सत्र से उच्च माध्यमिक कक्षाओं में सीबीएसई बोर्ड लागू हो जाएगा. इन छात्रों ने दसवीं और बारहवीं की जो परीक्षाएं दी हैं, वह उत्तराखंड बोर्ड की थी. अब उत्तराखंड बोर्ड में फेल होने के बाद उन्हें अटल आदर्श स्कूलों में एडमिशन देने में स्कूल प्रबंधन को सीबीएसई मानकों के चलते दिक्कतें हो रही हैं.

उत्तराखंड में 189 अटल आदर्श स्कूलों में पिछले सत्र में हजारों छात्र-छात्राओं ने दसवीं और बारहवीं की उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा दी थी. इन स्कूलों में उत्तराखंड बोर्ड की यह आखिरी परीक्षा थी, क्योंकि इसके बाद इन अटल आदर्श स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड लागू हो जाएगा. इस कारण करीब तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के भविष्य पर खतरा मंडरा गया है. यह तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राएं दसवीं और बारहवीं कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए थे. नए मानकों के चलते अब इन फेल हुए छात्र-छात्राओं को अटल आदर्श स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है. वहीं इस संबंध में कई जिलों से महानिदेशक शिक्षा को पत्र भी लिखा गया है.

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जानकारी के अनुसार दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए सीबीएसई बोर्ड के तहत कक्षा 9 और 11 वी के छात्रों का पंजीकरण हुआ है. अब इन्हीं पंजीकृत छात्रों को प्रवेश मिलेगा. ऐसे में परीक्षा में असफल छात्र-छात्राओं को अब इन विद्यालयों में प्रवेश मिलना मुश्किल है. क्योंकि मानकों के अनुसार एक विद्यालय में दो-दो बोर्ड नहीं चल सकते. हालांकि, शिक्षा विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इन छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.

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