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उत्तराखंड आयुर्वेद विवि ने बढ़ाई फीस, परीक्षा की तैयारी छोड़ धरने पर बैठे छात्र

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के बीएएमएस के छात्रों की परीक्षाएं सिर पर हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाई की जगह धरना-प्रदर्शन पर उतरना पड़ रहा है. दरअसल, उनका प्रदर्शन फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ है. उनका साफ आरोप है कि उनकी फीस 1 लाख 20 हजार कर दी गई है. ऐसे में उनपर बढ़ी फीस भरने का दबाव बनाया जा रहा है.

Students Protest against fee hike
उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि में छात्रों का प्रदर्शन

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Published : Apr 12, 2022, 6:14 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के बीएएमएस के छात्र फीस बढ़ोत्तरी के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं. छात्रों का कहना है कि उनकी परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं. अब उन पर बढ़ी हुई फीस को जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है. जिससे छात्रों में भारी रोष है. छात्रों का कहना है कि पूर्व में भी उनकी फीस बढ़ाई गई थी. जिसका उन्होंने भुगतान कर दिया था, लेकिन फिर एक बार विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उनकी फीस बढ़ा दी गई है और पुराने नियम उन पर अब लागू नहीं होते हैं.

दरअसल, मामला उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (Uttarakhand Ayurved University) में सेल्फ फाइनेंस ऑल इंडिया कोटे के तहत बीएएमएस के छात्रों से जुड़ा हुआ है. बीएएमएस के छात्र अखिलेश सिंह सहित आशीष, मेघा उनियाल, शीतल, संस्कृति का कहना है कि पहले राज्य कोटा और सेल्फ फाइनेंस ऑल इंडिया कोटे की समान फीस का आदेश जारी किया गया. उसके बाद अब पुरानी फीस का आदेश दिखाकर उसके भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है.

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छात्रों का कहना है कि राज्य कोटा के तहत एक छात्र की फीस 48 हजार सालभर की है तो वहीं सेल्फ फाइनेंस ऑल इंडिया कोटा के तहत सालभर की फीस 20 हजार रुपए है. जिसे आयुष मंत्रालय के आदेश पर राज्य कोटा के समान कर दिया गया था. उनका कहना है कि उस आदेश के बाद सभी छात्रों ने 48 हजार की फीस का भुगतान कर दिया था. जिसकी उन्हें रसीद भी दी गई.

वहीं, परीक्षाएं नजदीक आते ही जब छात्र-छात्राएं अपने परीक्षा फॉर्म भर रहे हैं तो विवि प्रशासन का कहना है कि अब उनकी फीस 1 लाख 20 हजार कर दी गई है. साथ ही उन पर बढ़ी हुई फीस का भुगतान करने का दबाव बनाया जा रहा है. जिसके विरोध में छात्र-छात्राएं विवि परिसर में ही धरने पर बैठ गए हैं. उनका साफ कहना है कि जब तक पुराने नियमों को लागू नहीं किया जाता है, तब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. जिसकी जिम्मेदारी विवि प्रशासन की होगी.

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