देहरादूनःआईटीआई यानी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पास करने वाले छात्रों के लिए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. जिसके तहत जो छात्र आठवीं कक्षा पास कर आईटीआई करते हैं या फिर दसवीं कक्षा पास कर आईटीआई करते हैं तो ऐसे छात्रों को अब उत्तराखंड बोर्ड से हाईस्कूल या इंटरमीडिएट की समकक्षता मिल जाएगी. अभी तक आईटीआई करने वाले छात्रों को 10वीं या फिर 12वीं की समकक्षता के लिए फिर से 2 साल की पढ़ाई करनी पड़ती थी. जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा अधिनियम 2009 में संशोधन करने का निर्णय लिया है.
सिर्फ हिंदी की परीक्षा देकर ITI करने वाले छात्र हो जाएंगे 10वीं और 12वीं पास, कैबिनेट का फैसला
Uttarakhand Cabinet Meeting उत्तराखंड में 8वीं पास छात्र आईटीआई करने के बाद सिर्फ हिंदी की परीक्षा पास कर 10वीं पास हो जाएंगे. इसी तरह 10वीं पास छात्र आईटीआई पास करने के बाद सिर्फ हिंदी की परीक्षा पास कर 12वीं पास हो जाएंगे. यानी इन छात्रों को उत्तराखंड बोर्ड से हाईस्कूल या इंटरमीडिएट की समकक्षता मिल जाएगी. यह निर्णय धामी कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. ITI Students in Uttarakhand
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 30, 2023, 8:18 PM IST
|Updated : Oct 30, 2023, 9:07 PM IST
दरअसल, सोमवार को सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में छात्रों को राहत देने के लिए निर्णय लिया गया है. जिसके तहत उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 के अध्याय 12 के विनियम 14 और अध्याय 14 के विनियम 2 में संशोधन किए जाने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. ऐसे में वो छात्र-छात्राएं जिन्होंने कक्षा 8वीं पास करने के बाद मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से दो साल या उससे ज्यादा औद्योगिक प्रशिक्षण पूरा करके राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद से प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है.
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इसके अलावा जिन बच्चों ने कक्षा 10 वीं पास करने के बाद मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से दो साल या उससे ज्यादा औद्योगिक प्रशिक्षण पूरा करके राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद से प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है. ऐसे बच्चे उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर की ओर से आयोजित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में सिर्फ हिंदी विषय की परीक्षा देकर पास होने वाले छात्र-छात्राओं को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की समकक्षता दी जाएगी. वहीं, माना जा रहा है कि सरकार के इस निर्णय के चलते छात्र-छात्राओं को काफी सहूलियत होगी.